आधुनिक होती टेक्नोलॉजी के साथ लोगों की लाइफ स्टाइल बदली। युवाओं के बीच स्मार्ट फोन आए सेल्फी का क्रेज बढ़ा। लेकिन वही स्मार्टफोन युवाओं के लिए अब जानलेवा बनते जा रहे है। लोग सेल्फी लेते समय जगह और समय नहीं देखते हैं।
जहां जब मर्जी आई अपना फोन निकालते हैं और सेल्फी लेने लग जाते हैं। आज सेल्फी के चक्कर में दुनियाभर में हर दिन कई लोगों की मौत हो रही है और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
दो दिन पहले ही दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर दो लोगो के मौत की घटना सामने आई। बताया जा रहा है इसके पीछे की वजह भी सेल्फी हो सकती है। जहां तक इस पुल की बात है तो जनता के लिए खोले जाने के बाद से ही यह पुल सुर्खियों में है।
शायद यही कारण है सेल्फी के दौरान हुई मौतों में भारत नंबर वन बन गया है। यह खुलासा एक रिसर्च से सामने आया है। अमेरिका की कार्नेगी मिलान यूनिवर्सिटी और दिल्ली के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोालॉजी ने संयुक्त रूप से एक रिसर्च किया है।
इसकी रिपोर्ट में मार्च 2014 से सितंबर 2016 के बीच में विश्वज में सेल्फी लेने के दौरान हुई मौत की घटनाओं को शामिल किया गया था। इस अवधि के दौरान दुनियाभर में करीब 127 लोग मारे गए जिसमें अकेले 76 लोग भारतीय हैं।
यह कुल मौतों का करीब 60 फीसद है। इस सूची में भारत के बाद पाकिस्तान का दूसरा नंबर है। वहां इस अवधि में नौ लोग सेल्फी लेते समय मारे गयें थें। वहीं अमेरिका की बात करें तो वह तीसरे नंबर पर है।
सोशल मीडिया पर अपने को अपडेट रखने का पागलपन भी इसका एक बड़ा कारण है। आपने भी लोगों को रेलवे लाइन, बस स्टेंड या एयरपोर्ट पर सेल्फी खींचते जरूर देखा होगा।
यह इस बात का साफ संकेत है कि हम अपने और अपने परिवार के प्रति पूरी तरह से लापरवाह हो चुके हैं और बनावटी दुनिया में जीवन जी रहे हैं। जहां सोशल मीडिया सबसे आगे हो गई है। बहुत ज्यादा सेल्फी पोस्ट करने से लोगों में आत्ममुग्धता बढ़ती है। लोगों में यह बदलाव अच्छा संकेत नहीं है।