उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री बनने के बाद सतपाल महाराज प्रदेश को पर्यटन हब का सपना संजोये अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं। विश्व पर्यटन दिवस पर नींबूवाला स्थित इंस्ट्रीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट पर टूरिज्म ट्रांसफॉरमेशन थ्रो डिजिटलाइजेशन पर एक कार्यक्रम में सतपाल महाराज ने कहा कि चीन बार्डर पर जादूंग गांव (उत्तरकाशी) पर्यटन का हब बनेगा। मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तरकाशी के नेलांग घाटी के बाद जादूंग गांव तक पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। इस मौके पर महाराज ने डिजिटलाइजेशन के फायदे भी बताए। किस तरह एक बटन दबाकर आप दुनिया को खोज सकते हैं।
एक बढ़ती सोच के साथ एक बढ़ते उत्तराखंड को, उसके विकास के प्रयास के लिए, आज #WorldTourismDay की बहुत बहुत शुभकामनाएं। pic.twitter.com/4fRMjr9ZGb
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) September 27, 2018
सतपाल महाराज ने लोगों से कहा कि आप सोशल मीडिया के मार्फत गांव, कस्बे और जनपद के पर्यटन स्थलों की फोटो और जानकारी दुनिया तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि पाटा ट्रेवल मार्ट से पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी सिक्किम की तरह होम स्टे के भवनों को बनाकर देगी। महाराज ने बताया कि आज विदेशों में कंडाली की चाय और सूप आकर्षण का केन्द्र हैं। कंडाली को पर्यटक खूब पसंद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बालों की ग्रोथ के लिए कंडाली की चाय को दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही फ्रांस में झंगोरे की खीर शामिल है।
सतपाल महाराज ने बताया कि केदारनाथ धाम में 2013 में आई आपदा की यादों को सुरक्षित रखने को म्यूजियम बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण योजना में यह शामिल होगा। यह म्यूजियम आपदा की हर छोटी-बड़ी याद और इसकी निशानी का केंद्र होगा। इसमें केदारनाथ के अतीत और वर्तमान के भी दर्शन होंगे। विश्व पर्यटन दिवस पर नींबूवाला स्थित आइएचएम में आयोजित एक कार्यक्रम में सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, सौंदर्यीकरण और वहां सभी जन सुविधाएं जुटाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है। केदारनाथ धाम में अधिकांश योजनाएं धरातल पर उतर गई हैं।
On tha occasion of #WorldTourismDay, attended the HIT Samman Conference and Ceremony, along with a panel of dignitaries in field of tourism. The ceremony was held at Hotel Madhuban, Dehradun to honour the efforts of those in Tourism Industry, under excellence in ‘Sustainability’. pic.twitter.com/Qp7wLMNdz0
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) September 28, 2018
अब पर्यटन विभाग जून 2013 की आपदा की याद में वहां भव्य म्यूजियम बनाएगा। यह म्यूजियम केदार बाबा के दर्शन को आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। खासकर केदारनाथ आपदा में अपने परिजनों को गंवाने वालों के लिए भी यह म्यूजियम एक याद के रूप में रहेगा। आपदा में मारे गए लोगों की याद में यहां श्रद्धांजलि दी जा सकेगी। इसके अलावा आपदा के दौरान फंसे पर्यटकों की मदद करने वाले रुद्रप्रयाग जनपद के गांव और कस्बों की सेवाभाव को भी यहां याद में प्रदर्शित किया जाएगा। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के लोगों के लिए यह म्यूजियम दर्शनीय होगा। म्यूजियम में केदारनाथ के अतीत और वर्तमान को लेकर दस्तावेज, शिलालेख, आपदा से जुड़ी वस्तुएं, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी जैसी यादें रखी जाएंगी।
पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन निदेशालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने पर्यटन दिवस पर नींबूवाला, गढ़ीकैंट क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया है। इसके अलावा मधुबन एकेडमी ऑफ हॉस्पिटेलिटी मैनेजमेंट एंड रिसर्च के छात्र-छात्राओं ने भी साफ-सफाई, पौधरोपण, पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया।
वहीं आइएचएम के छात्र-छात्राओं ने विश्व पर्यटन दिवस पर दून आने-जाने वाले पर्यटकों का रेलवे स्टेशन पर स्वागत किया। रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग स्टॉल लगाकर छात्र-छात्राओं ने देर शाम आने वाले लोगों को उत्तराखंड के पर्यटक स्थलों की जानकारी दी।
आज विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर, गढ़ी कैंट स्थित होटल मैनेजमेंट संस्थान में एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ, जहाँ राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा दिवस की थीम – ‘डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन’ के विषय पर अर्जित की गई उपलब्धियों तथा पर्यटन के डिजिटल रूपांतरण पर चर्चा की गई। #WorldTourismDay pic.twitter.com/h18QtEuank
— Satpal Maharaj (@satpalmaharaj) September 27, 2018
बता दें कि विश्व पर्यटन दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार संयुक्त निदेशक पूनमचंद ने प्राप्त किया है। इसके अलावा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य अध्ययन केंद्र के परियोजना अधिकारी डॉ. सर्वेश उनियाल को नेशनल टूरिज्म अवार्ड दिया है। पर्यटन प्रोत्साहन एवं प्रचार श्रेणी में उनकी ट्रैवल हैंडबुक के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।