पाकिस्तान में इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार सत्ता में आ चुकी है। उससे उम्मीद थी कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी। अपने पहले संबोधन में खान ने कहा था कि यदि भारत एक कदम आगे बढ़ेगा तो वह दो कदम आगे बढ़ेंगे। लेकिन लगता है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद और सीमापार से होने वाली घुसपैठ को लेकर जारी तनातनी जल्द खत्म होने वाली नहीं है। सोमवार को दोनों देशों के बीच वार्ता को लेकर विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा है कि उचित माहौन बनने पर ही बातचीत होगी।

वीके सिंह ने कहा, ‘क्या आप सभी बदलाव की उम्मीद करते हैं। यदि किसी शख्स को सेना खड़ी करती है तो सेना का ही राज चलता है। इतंजार कीजिए और देखें कि चीजें किस तरह से चलती हैं। शख्स सेना के नियंत्रण में रहता है या नहीं। सेना अभी भी गोली चला रही है। मैं समझता हूं, हमारी नीति बिल्कुल साफ है। (पाकिस्तान से) बातचीत तभी होगी, जब उसके लिए उचित माहौल बनाया जाएगा।’ उन्होंने यह सभी बातें पाकिस्तान में सरकार बदलने के बावजूद घुसपैठ ना रुकने के सवाल पर कहीं। पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वह करतारपुर सीमा को खोल सकता है। इस कॉरिडोर को खोलना भारत के सिख श्रद्धालुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वह पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन कर सकते हैं। जब वीके सिंह से इसके बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश से इसको लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है। इस मामले पर कुछ दिनों पहले इस्लामाबाद का कहना था कि भारत ने उसके ऑफर पर कोई जवाब नहीं दिया है।

पाकिस्‍तान में इमरान खान के नेतृत्‍व में बनी नई सरकार से उन्‍होंने कोई बहुत आशा नहीं होने की बात भी कही। इमरान पर परोक्ष हमला करते हुए जनरल सिंह ने कहा कि वास्‍तव में एक ऐसे शख्‍स से बदलाव की उम्‍मीद ही बेमानी है, जिसे सेना ने सत्‍ता में बिठाया है।

बता दें, की यह टिप्‍पणी पाकिस्‍तान में सत्‍ता परिवर्तन के बाद भी भारत में घुसपैठ जारी रहने के सवाल पर आई। इस बारे में पूछे जाने पर जनरल सिंह ने कहा, ‘क्‍या आपको किसी ऐसे शख्स से बदलाव की उम्मीद है, जिसे सेना ने बिठाया है? उन्‍होंने साफ कहा कि पाकिस्तान में सेना ही सभी फैसले करती है और आज भी यही हाल है। इमरान के संबंध में जनरल सिंह ने कहा, ‘इंतजार कीजिये, देखिये यह शख्‍स सेना के नियंत्रण से बाहर निकल पाता है या नहीं।’