ईरान के सड़क एवं शहरी विकास मंत्री अब्बास अखोंदी ने कहा कि अंतरिम समझौते के तहत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह परिचालन के लिये एक महीने के भीतर भारतीय कंपनी को सौंप दिया जाएगा। अखोंदी नीति आयोग द्वारा आयोजित ‘मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ में भाग लेने के लिये यहां आये हुए हैं।  मंत्री ने कहा-‘अंतरिम समझौते के तहत हम अब बंदरगाह चाबहार प्रबंधन के लिये भारतीय कंपनी को सौंपने के लिये तैयार हैं।’

चाबहार बंदरगाह सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में है जो ऊर्जा संसाधन से भरपूर देश का दक्षिणी तट है।  भारत के पश्चिमी तट से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसे पाकिस्तान के ग्वादार बंदरगाह के प्रत्युत्तर के रूप में देखा जा रहा है।  सड़क परविहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक के बाद अखौंदी ने कहा, ‘‘हम पहले ही एक कदम आगे बढ़ चुके हैं। हमें भारत को बैंक चैनल पेश करना चाहिए जो हम पहले ही कर चुके हैं और सौभाग्य से भारत ने औपचारिक रूप से इसे स्वीकार्य भी कर लिया है। ’

भारत ने भी बैंकिंग जरिया पेश किया है जिसे ईरान के केंद्रीय बैंक ने मंजूरी दे दी है।  ईरान के मंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष ने चाबहार बंदरगाह में निवेश किया है ओर हम बंदरगाह के उपयोग की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ’ उन्होंने कहा कि बंदरगाह एक महीने में सौंपा जा सकता है।

चाबहार पोर्ट को ईरान-अफगानिस्तान के अलावा मध्य एशिया में व्यापार के लिए एक द्वार की तरह देखा जा रहा है। अब भारत, ईरान और अफगानिस्तान को आपसी व्यापार के लिए पाक की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। समझौते के मुताबिक, चाबहार पोर्ट के पहले चरण के लिए भारत 85.21 मिलियन डॉलर 610 करोड़ रु. का निवेश करेगा। 10 साल की लीज पर भारत को 22.95 मिलियन डॉलर 165 करोड़ रु. राजस्व मिलेगा।

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