देश के अन्य राज्यों की तरह ही देहरादून में भी स्वतंत्रता दिवस की 72वें स्वतंत्रता दिवस की रौनक रही। इस दौरान स्वतंत्रता सेनानियों सहित तमाम लोगों में खासा उत्साह देखा गया। इस दौरान देहरादून के परेड ग्राउंड़ में उत्साह चरम पर रहा। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ध्वजारोहण कर देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण देने वाले शहीदों की शहादत को याद किया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरकार की ओर से परेड ग्राउंड में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, वहां मौजूद सभी लोग बैंड की धुन पर शानदार परेड के साक्षी बने। वहीं सीएम त्रिवेंद्र रावत उत्तराखंड के वीरों को याद करते हुए वीर सपूतों की धरती बताया। देशसेवा में सीमा की सुरक्षा में हंसते-हंसते शहादत को चूमने वाले शहीदों को याद किया। कहा, सूबे के हर परिवार का एक सदस्य सैन्य बलों में देश की सेवा कर रहा है। इस शुभ अवसर पर सीएम ने पुलिस और फायर विभाग के उत्कृष्ट कर्मचारियों को मेडल दिये।

सीएम ने अपने संबोधन में सरकार की उपलब्धियां बताई। जीरो टॉलरेंस पर सरकार के काम को गिनाते हुए सूबे को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित बताया। अपनी सरकार की उपलब्धियां हिनाते हुए कहा कि, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, संचार, कृषि, बागवानी के क्षेत्र में कई बड़े काम किए गए हैं।

सीएम ने उत्तराखंड को जैविक प्रदेश बनाने और अत्याधुनिक मेडिसिटी बनाने, जैविक खेती प्रदेश बनाने, टिहरी झील में फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाने, 330 बैंकों की स्थापना करने, भूस्खलन से प्रभावित 350 गांवों का स्थापन करने, हर परिवार में बुजुर्ग पति-पत्नी को पेंशन देने, पलायन से खाली 700 गांव का अधग्रिहण कर फिर से आबाद करने, एससी-एसटी और निराश्रित विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए सौ प्रतिशत मदद करने की बड़ी घोषणाएं भीं कीं।

उत्तराखंड वीरों की धरा है। देश की थल सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत थल का पैतृक गांव उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में उनका गांव सैण बमरौली ग्रामसभा में है। आईएमए के पासिंग आऊट परेड में हर साल उत्तराखंड के वीर बेटों का जलवा रहता है। जो देश सेवा के जज्बे से भरपूर रहते हैं। स्वतंत्रता दिलाने में कई रणबांकुरों ने अपने प्राणों को न्योछावर कर दिये।

ये लिस्ट बहुत लंबी है। ऐसे में उन वीर सपूतों को भी याद करने का तो फर्ज बनता है जो हाल के दिनों में शहीद हो गये। जो देश की सीमाओं की हिफाजत करने के दौरान आंतकवादियों से लोहा लेते शहीद हो गये। इनमें चौथी गढ़वाल राइफल में तैनात लांसनायक प्रदीप सिंह रावत बीते रविवार को ही उरी सेक्टर में शहीद हो गए। जबकि दो महीने बाद ही वो पिता बनने वाले थे। कुछ दिनों पहले की ही तो बात है जब विकास गुरंग और हमीर पोखरियाल ने भी देश के सम्मान में अपने प्राण दे दिये। हमें गर्वान्वित करने वाले इन सभी वीर सपूतों को ह्रदय से नमन।

एपीएन ब्यूरो

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