मार्केटिंग के लोग साम, दाम, दंड, भेद सब अपनाते हैं। मिस्र की राजधानी काहिरा में एक चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने भी कुछ इसी नीति पर काम किया, लेकिन उनकी यह नीति काम नहीं आई। चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए गधे पर पेंट करके काली-सफेद धारियां बना दीं। कर्मचारियों की यह तरकीब काम भी कर गई। कई दिनों तक चिड़ियाघर आनेवाले पर्यटकों गधे को जेबरा ही समझते रहे, लेकिन एक छात्र ने यह चालाकी पकड़ ली और उसने गधे की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दीं। इसके बाद लोग चिड़ियाघर प्रशासन का मखौल उड़ा रहे हैं।
दरअसल, काहिरा में रहने वाले महमूद-ए-सराहनी 21 जुलाई को इंटरनेशनल गार्डन पार्क गए थे। यहां उन्होंने काले-सफेद धारियों वाला एक जानवर देखा, जिसे ज्यादातर लोग जेब्रा समझ रहे थे। उसके बड़े कान और हरकतें देखकर उन्हें शक हुआ। ध्यान से देखने पर उन्हें समझ आ गया कि गधे पर जेब्रा जैसा पेंट किया है। उन्होंने इसकी एक फोटो फेसबुक पर डाल दी, जो वायरल हो गई।
इसके बाद तो चिड़ियाघर प्रशासन निशाने पर आ गया। फेसबुक पर जॉन बैंक्स ने लिखा, “यह काफी आश्चर्यजनक है। यह चिड़ियाघर उत्तरी अफ्रीका में है और उन्हें जेब्रा नहीं मिल रहा है। ये तो वहां खुलेआम घूमते रहते हैं।” एरिक एडवर्ड कहते हैं, “अगर लोग गधे को जेब्रा समझ रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? चिड़ियाघर प्रशासन की कलात्मकता को धन्यवाद।” बिल थॉम्पसन ने लिखा, “मैं बचपन में जॉर्जिया में रहता था। हमारे पास घोड़े और गधे दोनों थे। यह एक गधा है। चिड़ियाघर ने इस पर सही तरीके से पेंट ही नहीं किया।”
इस मामले के सामने आने के बाद किसी ने बताया कि मिस्र में पहले भी ऐसा हो चुका है । 2009 में मिस्र के एक चिड़ियाघर में दो गधों को पेंट करके जेब्रा का रूप दिया था। दरअसल, यहां भूख से दो जेब्रा की मौत हो गई थी और प्रशासन अपनी लापरवाही छिपाना चाहता था।