राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि आने वाले समय में देश को वैश्विक उत्पादन हब बनाने में लागत लेखाकारों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी। श्री कोविंद ने यहाँ भारतीय लागत लेखा संस्थान के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि आने वाले समय में लागत एवं प्रबंधन लेखाकारों की अहम भूमिका होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उत्पादों की कीमत प्रतिस्पर्द्धी हो और साथ ही गुणवत्ता भी बनी रहे। उत्पादन की प्रक्रिया में होने वाली बर्बादी को कम से कम करना और नवाचारों को प्रोत्साहन देना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। इन उपायों से भारत उत्पादन का वैश्विक हब बन सकेगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लागत एवं प्रबंधन लेखाकार दक्षता बढ़ाने में महती योगदान देते हैं। वे जिस संगठन में काम करते हैं वहाँ तीन ‘एम’ – श्रमबल (मेन एंड वीमिन), माल (मटीरियल) और मशीन – की दक्षता बढ़ाने की जिम्मेदारी उनकी होती है। कारोबार सरल बनाने की दिशा में किये गये सरकार के प्रयासों में समर्थन के लिए संस्थान की तारीफ करते हुये राष्ट्रपति ने उससे महिलाओं की वित्तीय साक्षरता के क्षेत्र में भी काम करने की अपील की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार ने कारोबार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाये हैं। इसकी वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करना, दिवालिया कानून आदि शामिल हैं। संस्थान ने जीएसटी के लिए हेल्प डेस्क बनाकर, जीएसटी के क्रियान्वयन की दिशा में महत्त्वपूर्ण सलाह देकर तथा दिवालिया प्रक्रिया के लिए पेशेवरों को तैयार करने और उनके नियमन के माध्यम से सरकार की मदद की है। उन्होंने कहा कि मैं महिलाओं की वित्तीय साक्षरता में मदद के लिए आपका आह्वान करता हूँ। यह हमारे समाज को बदलने में बड़ी भूमिका निभायेगा।