Sanjay Bhandari: यूनाइटेड किंगडम की एक अदालत ने सोमवार को संजय भंडारी के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी। इसे भारत की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। उन पर भारत में यूपीए सरकार के शासन के दौरान हथियारों के सौदे और कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उन्हें रॉबर्ट वाड्रा का करीबी सहयोगी भी बताया जाता है। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, भंडारी के पास लंदन हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प बचा है।
हालांकि, भगोड़े संजय भंडारी को भारत लाने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को कड़ी लड़ाई लड़नी है। अब तक, यूके की अदालत का आदेश भंडारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
2016 में Sanjay Bhandari के खिलाफ लुकआउट नोटिस
भारत में उसके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने मामले दर्ज किए हैं। बताया जाता है कि भंडारी को 2016 में लुकआउट नोटिस जारी किया गया था लेकिन वह देश से भागने में सफल रहा। 2016 में आयकर विभाग द्वारा उनके आवास पर की गई छापेमारी में रक्षा मंत्रालय के कई गोपनीय दस्तावेज जब्त किए गए थे।
लंदन पहुंचने के बाद, ब्रिटेन के अधिकारियों ने उन्हें प्रत्यर्पण वारंट पर 15 जुलाई, 2020 को गिरफ्तार कर लिया। विशेष रूप से, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने हमेशा भंडारी के साथ व्यापार में किसी भी संबंध से इनकार किया।
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