उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मवेशियों के व्यापारी की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने अपनी असंवेदनशीलता को लेकर एक माफीनामा जारी किया है। बता दें कि यह माफीनामा उस फोटो के लिए जारी किया गया है जिसमें पुलिस की मौजूदगी में एक 45 साल के शख्स को भीड़ द्वारा घसीटा जा रहा है। इस मामले में पिलखुआ स्टेशन इंचार्ज और दो कॉन्सटेबल का पुलिस लाइन में ट्रांसफर किया गया है और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

उत्तर प्रदेश के डीजीपी हेडक्वार्टर ने माफीनामे में लिखा, ‘हम पुलिस द्वारा पीड़ित के साथ हुए असंवेदनशील व्यवहार के लिए माफी मांगते हैं, जो तस्वीर सामने आई है वह पुलिस के मौके पर पहुंचते ही खींची गई है और एंबुलेंस न होने की वजह से घायल को पुलिस वाहन तक ले जाया जा रहा था। जान बचाने और कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए पीड़ित के साथ मानवीय व्यवहार को नजरअंदाज किया गया।’

आपको बता दें कि बुधवार को 45 साल के कासिम और 65 साल के समायुद्दीन की भीड़ ने पिटाई कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ ने कासिम और समायुद्दीन की गोकशी के शक में पिटाई की गई थी। इस घटना में कासिम की मौत हो गई।

वहीं यह मामला उस समय चर्चा का विषय बन गया आया जब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें खून से लथपथ कासिम को भीड़ द्वारा सड़क पर घसीटते हुए ले जाया जा रहा है और यूपी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। यूपी पुलिस ने इसी घटना पर माफी मांगी है। फोटो के वायरल होते ही यूपी पुलिस को चारों चरफ से आलोचनाओं का सामना करा पड़ा।

इस मामले में प्रसिद्ध लेखक और स्टोरी टेलर नीलेश मिसरा ने ट्वीट कर लिखा था, कि  डीजीपी साहब, मेरे पास इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है लेकिन तीन लोग पुलिस ड्रेस में हैं और एक शख्स को मरे हुए जानवर की तरह घसीटा जा रहा है, इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं आईपीएस संजीव भट्ट ने भी ट्विटर पर इस मामले की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था, ‘देखिए कासिम के साथ कैसा व्यवहार किया गया, कासिम बार-बार पानी मांग रहा था लेकिन उसे पानी नहीं दिया गया बल्कि उसे लगातार पीटते रहे। आखिर हम क्या बन गए हैं? हमें अपना सर शर्म से झुका देना चाहिए।’

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