देश में Unemployment Rate एक बार फिर उच्‍च स्‍तर पर पहुंची, 40 लाख श्रम बल में इजाफा

Unemployment Rate : रिपोर्ट के अनुसार शहरों में बेरोजगारी दर 9.6 प्रतिशत ओर ग्रामीण क्षेत्रों में 7.7 फीसदी है।बीते 1 साल के दौरान शहरी बेरोजगारी में इजाफा हुआ है।जबकि फरवरी और जून माह में ग्रामीण बेरोजगारी का आंकड़ा अधिक दर्ज किया गया है।

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Year Ender 2022: top news on Employment.
Year Ender 2022:

Unemployment Rate : सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ओर से जारी हालिया रिपोर्ट में बेरोजगारी दर बढ़ने का जिक्र है।देश में बेरोजगारी दर एक बार फिर उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गई है।जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्‍त माह में बेरोजगारी की दर 8.28 प्रतिशत दर्ज की गई, जोकि बीते 12 माह का उच्‍चतम स्‍तर है।अगस्‍त 2021 में महंगाई दर 8.35 फीसदी थी।सीएआईए की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्‍त 2022 में श्रम बल में 40 लाख लोगों का इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार शहरों में बेरोजगारी दर 9.6 प्रतिशत ओर ग्रामीण क्षेत्रों में 7.7 फीसदी है।बीते 1 साल के दौरान शहरी बेरोजगारी में इजाफा हुआ है।जबकि फरवरी और जून माह में ग्रामीण बेरोजगारी का आंकड़ा अधिक दर्ज किया गया है।

Unemployment Rate: Survey latest news hindi.
Unemployment Rate.

Unemployment Rate: 61 फीसदी कॉर्पोरेट कंपनियां भर्ती की इच्‍छुक

एक अन्‍य संस्‍थान मानव संसाधन कंपनी टीमलीज सर्विसेज की ओर से जारी रोजगार परिदृश्‍य रिपोर्ट में बताया गया है कि 95 फीसदी नियोक्‍ताओं ने
जुलाई से सितंबर की तिमाही में अधिक भर्तियां करने का मन बनाया है।इससे पहले अप्रैल से जून की अवधि में 91 फीसदी नियोक्‍ताओं ने ऐसा कहा था।भारत की करीब 61 फीसदी कॉर्पोरेट कंपनियां इस अवधि में भर्ती की इच्‍छुक हैं, जो पिछली तिमाही की तुलना में करीब 7 फीसदी अधिक हैं।

Unemployment Rate: इन सेवा क्षेत्रों में है अधिक मांग

Unemployment Rate today in India.
Unemployment Rate.

जानकारी के अनुसार सेवा क्षेत्र कई जगहों पर कर्मचारियों की मांग अधिक है। इनमें से सूचना प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स क्षेत्र, स्‍टार्टअप, शैक्षणिक सेवाएं, दूरसंचार, खुदरा और वित्‍तीय सेवाएं आदि प्रमुख हैं।

Unemployment Rate: महिलाओं को वेतन कम

रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि देश का शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र हर जगह महिला कर्मचारियों को प्राप्‍त वेतन में असमानता है। यही वजह है देश में महिलाओं की श्रमशक्ति भागीदारी में कमी आई है।इसके पीछे भेदभाव एक मुख्‍य कारक हो सकता है।वहीं शहरी इलाकों में नियमित और स्‍वरोजगार के मामलों में पुरुषों तथा महिलाओं के बीच आय का बड़ा अंतर नजर आया। इसमें इस बात का जिक्र है कि पुरुषों की औसत आय महिलाओं की औसत आय से अधिक है।

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