NCERT: एनसीईआटी यानी राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की ओर से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का सर्वे किया गया। सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है पूरे देश के करीब 29 फीसदी स्कूली छात्रों में एकाग्रमा का अभाव है।वहीं 33 फीसदी छात्र ज्यादातर समय अनावश्यक दबाव में रहते हैं।सर्वे में 81 फीसदी छात्रों ने बताया कि पढ़ाई, परीक्षा और परिणाम उनकी चिंता का कारण हैं। सर्वे में देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में करीब साढ़े तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं से संपर्क किया गया। इस दौरान सभी छात्रों की पहचान गोपनीय रखी गई, ताकि उनके मनोबल पर कोई असर न पड़े।
NCERT: ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करने में ज्यादा परेशानी
सर्वे रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि करीब 51 फीसदी छात्रों को ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करने में बहुत परेशानी हुई।खासतौर से ऑनलाइन सामग्री सीखने में दिक्कत होती है। जबकि इस दौरान कोई सवाल पूछने में 28 फीसदी छात्र झिझक महसूस करते हैं।करीब 43 प्रतिशत छात्रों ने माना कि उनका मिजाज बदलता रहता है। ऐसे में करीब 43 फीसदी छात्रों ने कहा कि उन्हें बदलाव पसंद है और पढ़ाई या तकनीकी बदलावों को जल्द स्वीकारते हैं।दरअसल इस सर्वे का मकसद छात्रों में हो रहे बदलाव और उनकी दिक्कतों को समझते हुए उनका समाधान करना है।
NCERT:बच्चों को कहानियों और खेलों के जरिए करवाएंगे पढ़ाई
एनसीईआरटी के अधिकारियों का कहना है कि सर्वे के बाद कुछ बदलाव लाने पर विचार किया जा रहा है। जिसमें सबसे पहले छात्रों के पढ़ाई का माहौल बदलने पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही अब महज रटटू तोता नहीं बल्कि किसी भी विषय को गहराई के साथ पढ़ाया जाएगा। यानी पढ़ाने का तरीका सरल और कहानियों के माध्यम से रहेगा। इसके लिए खासतौर से शिक्षकों के लिए 50 घंटे की एक मार्गदर्शिका भी तैयार की गई है। खेल आधारित गतिविधियों पर फोकस किया जा रहा है, विषय को सहज, रोचक और क्रियाकलाप या खेल-खिलौनों के जरिए समझाने का प्रयास किया जाएगा।
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