अरबपति कारोबारी सायरस पालोनजी मिस्त्री की अहमदाबाद से मुबंई लौटते वक्त सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद एक बार फिर से भारत में सड़क सुरक्षा और वाहन नियमों को लेकर चर्चा का दौर शुरू हो गया है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में भारत की सड़कों को दुनिया की सबसे घातक सड़कों के रूप में बताया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत में सड़क हादसों (Road Accidents) से हर दिन 426 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है.
भारत में सड़क दुर्घटनाएं
पिछले दिनों जारी की गई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं (Road Accidents) में 1,55,622 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जो अब तक का सबसे अधिक है.
वर्ष | सड़क हादसे | सड़क हादसों में मौत |
2017 | 4,45,730 | 1,50,093 |
2018 | 4,45,514 | 1,52,780 |
2019 | 4,37,396 | 1,54,732 |
2020 | 3,54,796 | 1,33,201 |
2021 | 4,03,116 | 1,55,622 |
पिछले पांच वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में तो कमी देखी गई हैं लेकिन दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
भारत में सड़क नेटवर्क
भारत में सड़कों का पूरे विश्व में दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, जो 31 दिसंबर 2021 तक 63 लाख 71 हजार 357 किलोमीटर लंबा था. भारत में सड़कों को लेकर सबसे बड़ी समस्या अक्सर निर्माण में प्रयोग होने वाली घटिया निर्माण सामग्री और खराब रखरखाव है.
तेज रफ्तार के कारण 2021 में 87,050 और लापरवाही से वाहन चलाने के कारण 42,853 लोगों की जान चली गयी. पिछले साल हुए कुल सड़क हादसों में से 1.9 फीसदी का कारण शराब के नशे में वाहन चलाना रहा. इसकी वजह से 2,935 लोगों की जानें गयीं.
देश में हाई-प्रोफाइल सड़क दुर्घटनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री गोपीनाथ मुंडे की 2014 में राष्ट्रीय राजधानी में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.
लोकप्रिय कॉमेडियन जसपाल भट्टी का 2012 में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था.
30 जून 2007 को राजस्थान के अलवर जिले में एक दुखद सड़क दुर्घटना में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा का निधन हो गया था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट का 11 जून 2000 को उनके संसदीय क्षेत्र दौसा में हुई एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया.
भारत के 7वें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की 25 दिसंबर 1994 को पंजाब के रोपड़ जिले में कीरतपुर साहिब के पास एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद निधन हो गया था.
75 फीसदी राजमार्ग सिर्फ दो लेन के
लंदन के प्रसिद्ध रिडिंग विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सड़कों की गुणवत्ता सबसे खराब है. भारत की सिर्फ 3 फीसदी सड़कें ही राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जबकि 75 फीसदी राजमार्गों में सिर्फ दो लेन ही हैं.
भारत की सड़कों पर बहुत भीड़-भाड़ भी है. 40 फीसदी सड़कें गंदी होती हैं और 30 फीसदी से ज्यादा गांवों में अभी तक सड़क नहीं पहुंची है.
बड़े शहरों में भी समस्याएं
भारत के बड़े शहरों मुंबई, नई दिल्ली और चेन्नई में भारी बरसात के आते ही अक्सर सड़कें बंद हो जाती हैं और रेल नेटवर्क और हवाईअड्डे बंद हो जाते हैं. सोमवार (05 सितंबर 2022) को बेंगलुरू के सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र में प्रमुख सड़कों का एक बड़ा हिस्सा भारी बारिश के बाद जलमग्न हो गया.
विश्वभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का 10 फीसदी भारत में
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष हार्टविग शेफर ने फरवरी 2021 में सड़क सुरक्षा पर रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि “भारत में दुनिया के वाहनों का एक फीसदी है, जबकि विश्वभर में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का 10 फीसदी भारत में होती हैं.”
शेफर ने आगे कहा कि “भारत में दुर्भाग्य से, सड़क दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही हैं और किसी भी समय अस्पतालों की कुल क्षमता का 10 फीसदी का उपयोग सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के इलाज के लिए किया जाता है.” विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाएं वास्तव में देश के सबसे गरीब और कमजोर वर्गों को प्रभावित करती हैं.
हर वर्ष 1.50 लाख लोगों की मौतें, जबकि 7.50 लाख से ज्यादा लोग विकलांग
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल सड़क हादसों में 1.50 लाख मौतें हो जाती हैं, जबकि 7.50 लाख से ज्यादा लोग विकलांग हो जाते हैं. रिपोर्ट के अनुसार हादसों का शिकार होने वालों में ज्यादातर पैदल या साइकिल पर चलने वाले लोग होते हैं. विश्व बैंक की 2021 में जारी की गई रिपोर्ट बताती है कि एक दशक (2011-2020) में भारत में 13 लाख से ज्यादा मौतें हुई थीं, जबकि 50 लाख से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.