नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 6 अप्रैल को अपने तीन दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं। ओली 6 अप्रैल से 8 अप्रैल तक भारत में दौरा करेंगे। केपी शर्मा ओली के भारत दौरे को बेहद खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि उन्हें 8 अप्रैल के लिए चीन की ओर से बीजिंग के दौरे के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन ओली ने उनके इस आमंत्रण को ठुकराते हुए भारत आने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री बनने के बाद ओली की यह पहली भारतीय और विदेशी यात्रा है। उनके इस दौरे से नेपाल-दिल्ली के बीच की कड़वाहट को दूर करने के लिए अहम माना जा रहा है।
ओली अपनी पत्नी राधिका शाक्य ओली के साथ भारतीए दौरे पर आएंगे। इस दौरान वह उत्तराखंड में पंतनगर स्थित जीबी पंत कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय भी जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान ओली राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से भी मुलाकात करेंगे।
65 वर्ष के ओली इससे पहले 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक नेपाल की कमान संभाल चुके हैं। लेकिन नेपाल में हुए मधेसी आंदोलन के बाद ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ओली से भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नेपाल में मुलाकात की थी और प्रधानमंत्री मोदी ने भी ओली से फोन पर बात की थी।
ओली के इस दौरे से आस लगाईं जा रही है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी। क्योंकि चीन और नेपाल पिछले कई सालों से गहरे दोस्त हैं और नेपाली पीएम का शुरू से ही चीन की ओर अधिक झुकाव माना जाता है। ऐसे में भारत-नेपाल के बीच नजदीकियां भारत को चीन के खिलाफ लड़ने में मददगार साबित हो सकती है। ओली की अगुवाई में बनी सरकार भी कई बार कह चुकी है कि वह भारत और चीन दोनों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना चाहते हैं। विगत दो वर्षों में नेपाल ने भारत की नाराजगी के बाद भी चीन के साथ कई अहम समझौते किए हैं। लेकिन इस बार चीन के आमंत्रण को ठुकरा कर ओली के भारत आने से चीन पर क्या असर पड़ेगा, ये देखने वाली बात होगी।