
Umar Khalid: दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद की ज़मानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि दंगों के षड्यंत्र को लेकर पहला मामला दर्ज होते ही सभी व्हाट्सएप ग्रुप को डिलीट कर दिया गया जिसके बाद ग्रुप में शामिल सभी लोग सिग्नल ऐप से जुड़ गए।

बता दें कि इस मामले में 28 जुलाई को उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने दलीलें पूरी कर ली थी। जहां
उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि उसके खिलाफ दाखिल चार्जशीट में साजिश को दिखाने के लिए जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है उनका आपस में कोई संबंध नहीं है।
शरजील इमाम वॉट्सऐप ग्रुप का एक्टिव मेंबर था– दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने इस दौरान कहा कि 4 दिसंबर 2019 को केंद्र सरकार ने CAA को मंजूरी दी, उसके अगले दिन वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया, शरजील इमाम उसका एक्टिव मेंबर था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्टूडेंट्स ऑफ जामिया (SOJ) की तरफ से पर्चे बांटे गए, ऐसे लोगों का एसोसिएशन बनाने को बात कही जो धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र और राष्ट्रवाद के खिलाफ हों।

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली हिंसा की साज़िश रचने के मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर कल यानी 2 अगस्त को भी सुनवाई जारी रखेगा। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
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