ब्रह्माण्ड के कई रहस्यों से परदा उठाने वाले महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का आज (बुधवार) निधन हो गया। वह 76 साल के थे। हॉकिंग के गुजरने की बात की जानकारी उनके परिवार ने दी है। स्टीफन हॉकिंग ने अपने जीवन में अंतरिक्ष के कई रहस्यों पर से पर्दा उठाया और दुनिया को अंतरिक्ष से संबंधी कई अहम सिद्धांत दिए। बता दें कि स्टीफन हॉकिंग एक ऐसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसके चलते उनके शरीर के कई हिस्सों पर लकवा मार गया था। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में नई खोज जारी रखी। हॉकिंग व्हीलचेयर पर रहते थे।
स्टीफन हॉकिंग बेस्टसेलर बुक ‘अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ के लेखक भी थे। स्टीफन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र ( सेंटर ऑफ थियोरेटिकल कोस्मोलॉजी) के शोध निर्देशक भी रहे। अपनी बिमारी के बारे में उन्होंने बताया था- ”21 वर्ष की उम्र में डॉक्टरों ने मुझे बता दिया था कि मुझे मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी है।” लेकिन इसके बावजूद ‘वह एक महान वैज्ञानिक और अद्भुत व्यक्ति थे जिनके कार्य और विरासत आने वाले लंबे समय तक जीवित रहेंगे। उनकी बुद्धिमतता और हास्य के साथ उनके साहस और दृढ़- प्रतिज्ञा ने पूरी दुनिया में लोगों को प्रेरित किया है।’ बता दें कि हॉकिंग ने सापेक्षता (रिलेटिविटी), ब्लैक होल और बिग बैंग थ्योरी को समझने में अहम भूमिका निभाई थी।
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी, 1942 को ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। पहले उनका परिवार लंदन में रहता था। लेकिन बाद में सेंट एल्बेंस में रहने लगा। साल 1959 में वो नेचुरल साइंस की पढ़ाई करने ऑक्सफ़ोर्ड पहुंचे और इसके बाद कैम्ब्रिज में पीएचडी के लिए गए। बता दें कि ब्रिटिश वैज्ञानिक ने विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी कई जानी-मानी किताबें लिखी हैं, जिनमें ए ब्रीफ़ हिस्टरी ऑफ़ टाइम सबसे ज़्यादा मशहूर हुईं।