दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर लगे सीसीटीवी कैमरों के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसे में अब इसकी जांच फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री में कराई जाएगी। सोमवार (26 फरवरी) को तीस हजारी कोर्ट में विधायक प्रकाश जारवाल की जमानत पर सुनवाई हुई। कोर्ट अब मंगलवार को इस पर फैसला सुनाएगा।

चीफ सेकेट्ररी के साथ मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि सीएम हाउस पर मौजूद सीसीटीवी कैमरों की टाइमिंग, रियल टाइम से पीछे हैं, इसलिए इसे जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब को भेजा गया है। आप विधायक प्रकाश जारवाल की ज़मानत अर्जी  का विरोध करते हुए एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने  तीसहजारी कोर्ट को ये जानकारी दी। हरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को ये भी बताया कि ये मीटिंग कैम्प में न होकर मुख्यमंत्री केजरीवाल के ड्राइंग रूम में हुई। पुलिस ने एमएलए प्रकाश जारवाल के पुराने आपराधिक इतिहास का भी हवाला दिया और कहा कि प्रकाश जारवाल हिस्ट्रीशीटर हैं और उनके खिलाफ कई केस दर्ज है। इससे पहले आप विधायक जूनियर अधिकारियों और जूनियर इंजीनियर को धमकाते रहे हैं। पुलिस ने आप विधायक बालियान के उस बयान का भी कोर्ट में जिक्र किया कि जिसमे उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को पीटा जाना चाहिए।

वहीं दूसरी ओर प्रकाश जारवाल के वकील ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया। वकील ने दलील दी कि मेडिकल रिपोर्ट के बिना ही इस मामले में मारपीट की एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर भी कथित घटना के बहुत देर बाद अगले दिन दर्ज की गई। इसके जवाब में चीफ सेक्रेटरी की ओर से पेश हुए वकील ने दलील दी कि इस घटना के बाद तुरंत एलजी को इसकी सूचना दी गई थी। उनके पुलिस कमिश्नर से बात के बाद एफआईआर दर्ज की गई। सुनवाई के दौरान आप के वकील ने बीजेपी भी आरोप लागए। इस पर जज ने पूछा कि आप बीजेपी पर भी आरोपा लगा रहे हैं ऐसा क्यों? प्रकाश जरवाल के वकील ने जवाब में कहा कि बीजेपी की केंद्र में सरकार है। इस पर जज ने कहा कि न्यायालय किसी के अधीन नहीं है।

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