लालू प्रसाद की लीला या यूं कहें उनकी फैन फॉलोइंग गजब की है। लालू के जेल जाने से पहले जो नारा मार्केट में आया था यानी ‘मैं भी लालू, तुम भी लालू‘ उसे लालू और उनके खास लोगों ने दरअसल पहले ही साकार कर रखा था।
ताजा मामला है लालू के जेल पहुंचने से पहले हुए खेल का। 950 करोड़ रूपये के चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद के जेल जाने से पहले एक झूठी कहानी तैयार की जाती है, फिर सेवादार गुनाह करते हैं और कानूनी प्रक्रिया के तहत अपने स्वामी के जेल जाने से पहले ही जेल पहुंच जाते हैं। लालू की सेवा के लिये उनसे पहले जेल में पहुंचे ये वही सेवादार हैं जो पहले से भी लालू की रांची में सेवा कर चुके हैं। शायद लालू को सजा सुनाई जाने से पहले ये अहसास हो गया था कि उन्हें अभी जेल में लंबी पारी खेलनी है। और शायद इसीलिए लालू की एंट्री से ठीक पहले उन्हें जेल में डाला जाता है ताकि उनकी रहनुमाई में कोई कोर-कसर न हो सके।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि लालू के ये दोनों सेवक उनके साथ जेल में बंद हों। इसके पहले भी ऐसा हुआ था जब लालू जेल गए थे तो दोनों जेल में जाकर उनके खाने का ख्याल रखते थे, उनकी मालिश करते थे साथ ही। लक्ष्मण-मदन नाम के ये दोनों सेवदार जिनमें एक रसोइया भी है और दूसरा सेवक। दोनों के खिलाफ रांची के लोअर बाजार थाने में धारा 341, 323, 504, 379, 34 के तहत केस दर्ज किया गया और बकायदा दोनों को जेल में डाला गया।
लालू प्रसाद यादव की सेवा में उनके दो सेवादार मदन यादव व लक्ष्मण महतो के पहुंचने की खबर पर बवाल मचना था सो शुरु हो गया है। सुशील कुमार मोदी ने आज इस संबंध में कहा कि लालू प्रसाद यादव सुधरने वाले नहीं हैं और वे क्या-क्या नहीं कर सकते, जो बात आदमी सोच भी नहीं सकता है वह काम वे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयी खबर सही है तो कार्रवाई की जानी चाहिए।
रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इस संबंध में मीडिया से कहा है कि इसकी जानकारी मीडिया से हमलोगों को मिली है, हम इसकी जांच कर रहे हैं। इस संबंध में राजद के बड़े नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि वे मदन और लक्ष्मण को निजी तौर पर नहीं जानते हैं, लेकिन उन दोनों को जेल भेजा गया है तो इस संबंध में कोर्ट से पूछना चाहिए, क्योंकि उसी के आदेश से वे जेल भेजे गये होंगे।