दोनों राज्यों में सत्ता जमाने के बाद अब सत्ता संभालने के लिए बीजेपी चेहरों की तलाश में जुटी है। ऐसे में गुजरात में काफी चिंतन-मनन के बाद आखिरकार बीजेपी ने अपने पुराने नेताओं पर ही भरोसा जताया। आज गांधीनगर में पार्टी कार्यालय में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में सीएम पद के लिए विजय रूपाणी के नाम पर सहमति बन गई है। वहीं डिप्टी सीएम नितिन पटेल को चुना गया है। पर्यवेक्षक के तौर पर वित्तमंत्री अरुण जेटली और सरोज पांडे गए थे। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में 182 में से 99 सीटें मिली है। इसके साथ, एक निर्दलीय विधायक ने भी अपना समर्थन दिया है जिसके बाद भाजपा की कुल सीटें 100 हो गई।
भाजपा ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों की गांधीनगर में आज बैठक बुलाई थी। इस दौरान प्रदेश भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव रहे। इससे पहले पार्टी के संतोषजनक प्रदर्शन नहीं कर पाने के चलते विजय रूपाणी के नाम पर सस्पेंस बन गया था। लेकिन एक बार फिर से यह फैसला लिया गया है कि गुजरात की कमान रूपाणी के हाथों में ही दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी गुजरात में भी यूपी का फॉर्मूला लागू करने पर विचार कर रही है। ऐसे में गुजरात में भी दो उपमुख्यमंत्री होने की संभावना जताई जा रही थी। दो उपमुख्यमंत्रियों में एक चेहरा गणपत वसावा का माना जा रहा था। गणपत वसावा आदिवासी नेता हैं और पार्टी के लिए लंबे समय से काम करते रहे हैं।
उधर हिमाचल में अभी सीएम पद का चेहरा पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक जयराम ठाकुर को धूमल का आशीर्वाद मिला है। अब हिमाचल में बीजेपी किसे मौका देगी यह सबके लिए एक सस्पेंस बना हुआ है।