देशभर में फिल्म पद्मावती का विरोध हो रहा है और लोग आलोचनाएं कर रहे हैं। पद्मावती और इसमें किरदार निभा रहे अभिनेताओं पर नेता अपने बयानों से अपना विरोध जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि फिल्म में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर कर दिखाया जा रह है।
हाल ही में विश्व हिंदू परिषद के नेता आचार्य धर्मेंद्र ने फिल्म पद्मावती में इतिहास के साथ की गई कथित छेड़छाड़ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म पद्मावती के सारे प्रिंट जला देने चाहिए और निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली पर मुकदमा चलाना चाहिए। आचार्य धर्मेन्द्र ने मंगलवार को फिल्म में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के नृत्य पर कहा कि ‘फिल्म पद्मावती अभी रिलीज नहीं हुई है, लेकिन फिल्म के मौजूदा ट्रेलर में महारानी को नाचते हुए दिखाया जा रहा है। हमारी महारानी (पद्मावती) तो कभी इस तरह से नहीं नाची थीं।’
दूसरी तरफ अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के अध्यक्ष राधेश्याम सिंह तंवर ने कहा कि महासभा फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग को लेकर 19 नवंबर को दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में प्रदर्शन करेगी।
वहीं राजपूत करणी सेना के हरियाणा प्रदेश संयोजक संजय सिंह राणा के नेतृत्व में हिन्दू संगठनों की ओर से विशाल प्रदर्शन कर फिल्म पद्मावती में संजय लीला भंसाली द्वारा रानी पद्मावती के अपमान तथा अलाउद्दीन खिलजी के महिमामंडन को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। गृहमंत्री, भारत सरकार तथा माननीय मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराया गया।
राजपूत समाज के संगठन करणी सेना की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष ठाकुर भवानी सिंह ने कहा कि फिल्म के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन होगा और फिल्म सेंसर बोर्ड व संजय लीला भंसाली के पुतले फूंके जाएंगे। उन्होंने सिनेमाघरों के संचालकों और सिने मॉल्स के संचालकों से भी आग्रह किया है कि वे इस फिल्म को अपने थिएटरों में न दिखाएं अन्यथा फिल्म दिखाने वाले थिएटरों के धन की बर्बादी हो सकती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी इस फिल्म के विरोध का ऐलान किया है।
हाथरस में भी बजरंग दल और हिंदू क्रांति सेना युवा मोर्चा पदाधिकारियों ने पदमावती फिल्म का विरोध किया।
जहां फिल्म पद्मावती को लेकर विरोध है वहीं कुछ लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं। फिल्म ‘पद्मावती’ की आलोचना करने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा, ‘पद्मावती विवाद आज राजस्थानी महिलाओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने का एक मौका है, न कि छठी शताब्दी पुरानी महारानियों पर ध्यान केंद्रित करने का। राजस्थान की महिला साक्षरता दर सबसे कम है। शिक्षा ‘घूंघट’ से ज्यादा जरूरी है।’
Agree totally. The #Padmavati controversy is an opportunity to focus on the conditions of Rajasthani women today ¬ just of queens six centuries ago. Rajasthan’s female literacy among lowest. Education more important thang Hoog hats https://t.co/82rvGmkfwO
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) November 13, 2017
बॉलीवुड के दंबग सलमान खान ने भी संजय लीला भंसाली का समर्थन करते हुए कहा कि संजय लीला भंसाली अच्छी फिल्में बनाते हैं और उनकी फिल्म में कुछ गलत नहीं होता। सलमान ने कहा कि बिना फिल्म देखे भला कोई कैसे फैसला ले सकता है कि फिल्म में क्या गलत दिखाया गया है।
आपको बता दें कि पहले भी रानी पद्मावती दूसरी कई भाषाओं में फिल्में बन चुकी है जो कुछ ख़ास नहीं चल पाई थी।
आपको बता दें सिनेमाघरों में पद्मावती 1 दिसंबर को रिलीज हो रही है। इसमें दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं। बता दें, फिल्म रानी पद्मावती के किरदर पर बनी है, इतिहासकार पद्मावती को सिर्फ एक काल्पनिक किरदार मानते हैं।