Mother’s Day 2022: एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ, महत्व और सुंदरता उसी के नाम में छिपी हुई है। एक बच्चे के लिए मां की भूमिका सबसे अहम होती है। उसे दुनिया में लाने से लेकर एक अच्छा इंसान बनाने तक मां दिनरात एक करती है। ऐसी ही ममतामयी छवि यानी मां को सलाम कर रहा है इंटरनेशनल मदर्स डे के मौके पर गूगल डूडल। इस साल 8 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। लोग इस दिन अपनी मां को खास महसूस कराकर उन्हें यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनके जीवन में मां की क्या भूमिका है और वह भी मां से प्यार करते हैं।
मालूम हो कि हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।मदर्स डे भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या वजह है कि मदर्स डे मई के दूसरे रविवार को ही मनाया जाता है? मदर्स डे मनाने की शुरुआत कब से और क्यों हुई? जानते हैं मदर्स डे का इतिहास, महत्व और इस खास दिन से जुड़ी कहानी।
Mother’s Day 2022: जानिये कब से हुई मदर्स डे मनाने की शुरुआत
मदर्स डे मनाने की शुरुआत एना जार्विस नाम की एक अमेरिकी महिला ने की थी। एना अपनी मां को आदर्श मानती थीं और उनसे बहुत प्यार करती थीं। जब एना की मां की निधन हुआ तो उन्होंने कभी शादी न करने का फैसला करते हुए अपनी मां के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने मां को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। उन दिनों यूरोप में इस खास दिन को मदरिंग संडे कहा जाता था। इस साल मदर्स डे 8 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन को मनाने की शुरुआत औपचारिक तौर पर 1914 में हुई थी।
एना के इस फैसले के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने औपचारिक तौर पर 9 मई 1914 में मदर्स डे मनाने की शुरुआत की। इस खास दिन के लिए अमेरिकी संसद में बाकायदा एक कानून पास किया गया। इसके बाद से ही हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने का फैसला लिया गया। थोड़े समय बाद मदर्स डे सेलिब्रेट करने के लिए मई के दूसरे रविवार को अमेरिका समेत यूरोप, भारत और कई अन्य देशों ने भी मान्यता दे दी।
Mother’s Day 2022: मां के साथ बिताते हैं वक्त और करते हैं सरप्राइज प्लान
आज का दिन हर हाल में यादगार बनाने के लिए और लोग कई तैयारियां करते हैं। मसलन सरप्राइज पार्टी, पिकनिक, स्पेशल डिश,आउटिंग और बहुत कुछ। इस दिन बहुत से लोग अपनी मां के साथ समय बिताते हैं। उनके लिए गिफ्ट या कुछ सरप्राइज प्लान करते हैं। पार्टी का आयोजन करते हैं और मां को बधाई देते हैं उनके प्रति अपने प्यार और लगाव को जाहिर करते हैं।
जानिये उन सिंगल मदर्स के बारे में जो हर मुकाम पर कामयाब रहीं
मां चाहे अकेली हो या पिता के साथ हर हाल में वो अपनी औलाद को हर विपत्ति का सामना करते हुए न केवल पालती है बल्कि उसे एक सफल इंसान भी बनाती है। हमारे समाज में ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जिनमें सिंगल मदर्स ने समाज में एक नई पहचान बनाई है और काफी हद तक सफल भी हुई हैं। चाहे बॉलीवुड हो, राजनीति या अन्य क्षेत्र हर क्षेत्र में रहते हुए सिंगल मदर्स ने एक मिसाल कायम की है।
इनमें मशहूर अदाकारा सुष्मिता सेन ने अपने समय में समाज की सारी बंदिशों को तोड़ते हुए एक नहीं बल्कि दो बेटियों को गोद लिया। उन्होंने दोनों बेटियों को अपनी औलाद जैसा ही प्यार दिया।
कपूर खानदान से आने वालीं बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री करिश्मा कपूर ने संजय कपूर से अलग होने के बाद अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी अकेले ही उठाई।
कई बार लोग बच्चों की खुशी के लिए अपने पार्टनर की गलतियों को भी नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन करिश्मा ने ऐसा करने की जगह अकेले अपने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी लेने की ठानी और आज करिश्मा अपने दोनों बच्चों के साथ खुशी से रह रही हैं।
अस्सी के दशक की अभिनेत्री सारिका भी दो बच्चों की सिंगल मदर हैं। सारिका ने कमल हासन से साल 1985 में शादी की थी। इस समय उनका करियर कामयाबी की ऊंचाइयां छू रहा था। श्रुति और अक्षरा हासन के जन्म के बाद ही सारिका और कमल का तलाक हो गया। हालांकि सारिका की दोनों बेटियां आज सफल अभिनेत्रियां हैं।
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