GNCTD Amendment Act 2021 के मामले में अगली सुनवाई 27 अप्रैल को, SC में दिल्ली सरकार ने कहा- हम नहीं कर पा रहे हैं काम

मामले में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील Abhishek Manu Singhvi ने कहा कि दिल्ली सरकार कामकाज नहीं कर पा रही है।

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GNCTD Amendment Act 2021
GNCTD Amendment Act 2021

GNCTD Amendment Act 2021: केंद्र सरकार के GNCTD संशोधन अधिनियम 2021 और अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांगने के मामले में Supreme Court ने केंद्र सरकार को दस दिनों में अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल को करेगा।

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GNCTD Amendment Act 2021: Tushar Mehta (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

आज केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल Tushar Mehta ने कहा कि यह मसला 2021 में GNCTD एक्ट में हुए संशोधन से भी जुड़ा है। इसलिए GNCTD के इन दोनों मामलों पर एक साथ सुनवाई हो और दोनों मामलों को एक साथ ही सुना जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को संविधान पीठ को भेज दिया जाए।

GNCTD Amendment Act 2021: दिल्ली सरकार नहीं कर पा रही है ट्रांसफर्स

Congress spokesman Abhishek Manu Singhvi
GNCTD Amendment Act 2021: Abhishek Manu Singhvi (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

मामले में दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील Abhishek Manu Singhvi ने कहा कि दिल्ली सरकार कामकाज नहीं कर पा रही है। दिल्ली सरकार विभागों में ट्रांसफर नहीं कर सकती, सरकार आखिर काम कैसे करेगी? अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि जब प्रशासित किए जा रहे व्यक्ति को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता तो सरकार की क्या क्षमता होगी? इसके अलावा उन्होंने सेवा मामले में अधिकारों के मुद्दे पर अलग से सुनवाई का आग्रह कोर्ट से किया।

GNCTD Amendment Act 2021: Delhi सरकार ने खटखटाया SC का दरवाजा

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दरअसल दिल्‍ली सरकार GNCTD एक्ट अधिनियम को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल कर SC पहुंची है। इस अधिनियम के प्रावधान दिल्ली में पिछले साल 27 अप्रैल से प्रभावी हैं। मार्च 2021 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021 (GNCTD) को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी। बता दें कि इस अधिनियम से दिल्‍ली के उपराज्यपाल को ज्‍यादा शक्ति मिली थी। नए कानून के अनुसार, दिल्ली सरकार का मतलब ‘उपराज्यपाल’। इस अधिनियम के बाद दिल्ली की सरकार को कोई भी कार्यकारी फैसला लेने से पहले उपराज्यपाल की अनुमति लेनी पड़ती है।

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