तत्काल टिकट बुक कराते समय प्रत्येक सेकेंड मूल्यवान होता है। अक्सर ऐसा होता है कि टिकट बुक करते वक्त गेटवे पेमेंट सेवा ठप या धीमी हो जाती है और यात्री फिर तत्काल टिकट से वंचित रह जाता है।
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आईआरसीटीसी के लिए पे-ऑन डिलीवरी भुगतान प्रदाता कंपनी एंडुरिल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने बुधवार को ‘पहले टिकट फिर पेमेंट’ की नीति की घोषणा की। इस नई नीति से उपयोगकर्ता केवल दो क्लिक में ही तत्काल टिकट बुक करा सकेंगे। इसके बाद यूजर्स अपने घर पर ही टिकट की डिलीवरी का विकल्प चुनकर नकद या डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड के जरिये भुगतान कर सकेंगे। यह योजना इससे पहले सिर्फ सामान्य टिकट पर ही लागू थी, पर कंपनी ने अब तत्काल सेवा में भी अब इसका विस्तार किया गया है।
एंडुरिल टेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग बाजपेयी ने बताया कि तत्काल टिकट्स के लिए पे ऑन डिलीवरी स्कीम उन लाखों रेल यात्रियों के लिए बहुत लाभकारी होगा जिन्हें तत्काल कोटा के अंतर्गत बुकिंग करवाने की जरूरत होती है। हमें पूरा विश्वास है कि इस योजना को उपयोगकर्ता बड़ी संख्या में अपनाएंगे।
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी से रोजाना एक लाख 30 हजार टिकटों की बुकिंग होती है। इनमें से अधिकांश टिकट तत्काल के लिए बुकिंग आरंभ होने से कुछ ही मिनटों में बुक हो जाती हैं। अब तक उपयोगकर्ताओं को आईआरसीटीसी द्वारा उनका टिकट कन्फर्म करने से पहले स्टैंडर्ड ऑनलाइन पेमेंट गेटवे के माध्यम से भुगतान करना होता था। इस प्रक्रिया में कई सेकेंड्स की देरी हो जाती थी, जिसके कारण अक्सर यूजर कन्फमर्ड टिकट बुक नहीं करवा पाते थे।
ऐसे मिलेगा ‘पे ऑन डिलीवरी’ का लाभ
- सबसे पहले यूज़र को payondelivery.co.in पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के दौरान आधार कार्ड या पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है।
- अब, आईआरसीटीसी पोर्टल पर बुकिंग के दौरान, यूजर को ‘pay-on-delivery’ का विकल्प चुनना होगा।
- टिकट बुक होने के साथ ही टिकट को एसएमएस/ईमेल द्वारा डिजिटली डिलीवर कर दिया जाएगा।
- बुकिंग के 24 घंटे के अंदर ही भुगतान करना होगा।
- इसके अलावा ग्राहक ऑनलाइन भुगतान भी कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें बुकिंग के समय एक पेमेंट लिंक भेजा जाता है।
आईआरसीटीसी के पे-ऑन-डिलिवरी सिस्टम का एक और फायदा है कि यूजर को सिर्फ तभी भुगतान करना होगा जबकि टिकट सफलतापूर्वक बुक हो जाए। डिलीवरी से पहले टिकट कैंसल करने पर, ग्राहको को कैंसिलेशन और डिलीवर चार्ज देना होगा। ना देने की स्थिति में यूजर का अकाउंट डीएक्टिवेट करने और कानून के मुताबिक कड़ी कार्यवाही करने के भी विकल्प उपलब्ध होंगे।