इराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी आज भारत के पांच दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं और दोनों देशों के बीच इस दौरान होने वाली चर्चा में इराक से तीन साल पहले लापता हुए 39 भारतीय नागरिकों का मुद्दा अहम होगा।
बता दें कि मोसुल पर इराकी सेना की फतह के दो सप्ताह बाद इराक के विदेश मंत्री भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। वह 24-28 जुलाई तक भारत की यात्रा पर हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि तीन साल पहले मोसुल से लापता हुए 39 भारतीय अभी कहां है, इसके बारे में अल जाफरी से महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इस सिलसिले में इराक की यात्रा कर चुके हैं। तब खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए वहां के एक अधिकारी ने आशंका जताई थी कि भारतीय मोसुल के उत्तर-पूर्व में स्थित एक जेल में हो सकते हैं।
बता दे कि कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बीते शुक्रवार को ही इस मामले में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज पर देश को भ्रमित करने का आरोप लगाया था। बाजवा ने कहा था कि “सुषमा स्वराज झूठ बोल रही हैं। पिछले तीन साल से इराक में गायब 39 भारतीय मोसुल के जेल में बंद थे और आईएस ने उस जेल को तबाह कर दिया है।”
इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट्स की भी मानें तो बादुश में ऐसी कोई जेल नहीं बची है। आईएस बादुश की जेलों को नष्ट कर चुका है। वहीं आईएस आतंकियों के चंगुल से बचकर भारत लौटे गुरदासपुर के हरजीत का दावा है कि आतंकियों ने उसके सामने ही सभी लोगों को मार दिया, पर उसकी बात पर आज तक किसी ने यकीन नहीं किया।
इस मुद्दे के अलावा दोनों पक्ष अपनी बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों का भी जायजा लेंगे और उर्जा व व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों को तलाशेंगे। इराक भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाला बड़ा नियार्तक देश है। अल-जाफरी की यात्रा पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों और आपसी हितों के क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।