नगालैंड में सीएम शुरहोजेली लीजित्सू को आज फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा। लीजित्सू को आज विधानसभा में विश्वासमत साबित करना होगा जिसके लिए राज्य के गर्वनर पीबी आचार्य ने फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के निर्देश दिया है।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग के नेतृत्व में सत्तारुढ़ नगा पीपल्स फ्रंट के 43 विधायकों की बगावत के बाद लीजित्सू सरकार खतरे में है। राज्यपाल पीबी आचार्य ने उन्हें आज सुबह 9.30 विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है।
दूसरी तरफ खबर यह भी आ रही है कि नगालैंड के मुख्यमंत्री लीजित्सू विधानसभा में विश्वासमत से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं।
संवाददाताओं के साथ बातचीत में लीजित्सु ने पद छोड़ने के संकेत दिए है। लीजित्सु ने कहा कि उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन वह किसी भी तरह का राजनीतिक दांव-पेच खेलने में अब दिलचस्पी नहीं रखते हैं। लीजित्सु ने कहा, “विश्वास मत हासिल करने का कोई नियम नहीं है। विधानसभा में जाने का कोई मतलब नहीं है। विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया है।”
बता दें कि उन्होंने इस साल फरवीर में टी.आर.जेलियांग के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 9 जुलाई को राज्य के गर्वनर पीबी अचार्य ने सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में भारी अंतर्कलह और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग के मद्देनजर लीजित्सु से 15 जुलाई तक बहुमत साबित करने के लिए कहा था। इस आदेश के खिलाफ लीजित्सु कोर्ट चले गए थे।
लीजित्सु ने आचार्य के इस फैसले को चुनौती देते हुए कहा था कि यह “असंवैधानिक, अवैध, मनमाना तथा संविधान की बुनियादी विशेषताओं का उल्लंघन है।” लेकिन हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता के पास सदन में बहुमत नहीं है
लीजित्सू मौजूदा 59 सदस्यीय विधानसभा में नेतृत्व में बदलाव की मांग कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग के नेतृत्व में सत्तारुढ़ नगा पीपल्स फ्रंट के 43 विधायकों की बगावत का सामना कर रहे हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री टी. आर. जेलियांग ने राज्यपाल आचार्य को एक पत्र लिखकर नई सरकार बनाने का दावा किया है। जेलियांग का दावा है कि उन्हें एनपीएफ के 33 विधायकों व सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है।