सोशल मीडिया पर यूजर्स का कब, कैसे, क्यों और किस बात पर गुस्सा फूट जाए कोई नहीं बता सकता। आपको सोनू निगम का मस्जिद पर किया गया वो ट्वीट तो याद होगा, जिसने सोशल मीडिया पर कई विवाद को जन्म दे दिया था। लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल कर अभियान चलाया गया है, जिसमें मस्जिद को ध्वनी प्रदूषण का स्त्रोत बताया जा रहा है।
इंडियन सर्टिफिकेट फॉर सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड की स्कूलों में पढ़ाई जा रही छठी क्लास के एक किताब में छपी तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बोर्ड की इस किताब में एक चैप्टर ध्वनि प्रदूषण के कारणों पर आधारित है, जिसमें एक तस्वीर के अंतर्गत ट्रेन, कार, प्लेन और मस्जिद को ध्वनि पैदा करने वाले चिन्हों के साथ दिखाया गया है। जैसा की आप तस्वीर में देख सकते है कि इनके बगल में खड़ा एक आदमी अपने हाथों से कानों को बंद किए हुए परेशान दिख रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स ने किताब को वापस लेने की मांग के साथ एक ऑनलाइन याचिका भी शुरू की है। हालांकि इस पर ICSE बोर्ड के अधिकारियों की ओर से अब तक कोई टिप्पणी नहीं आई है।
उधर, सेलिना पब्लिशर्स के मालिक हेमंत गुप्ता ने एक ट्वीट कर कहा,’किताब के पेज नंबर 202 पर दर्शाए डायग्राम में दिख रही संरचना एक किले और अन्य शोर पैदा करने वाले चीजों की है, जिन्हें एक शोर गुल से भरे शहर में स्थित दिखाया गया है।’ उन्होंने कहा कि अगर किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो इसके लिए हम माफी मांगते हैं। हम सभी को बताना चाहते हैं कि किताब के अगले संस्करणों में इस चित्र को हटा दिया जाएगा।