लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की पहल और सीएम ममता बनर्जी की योजना को ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। संयुक्त राष्ट्र के हेग स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा,’62 देशों की 552 योजनाओं में से ‘कन्याश्री प्रकल्प‘ को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।’ जिसका प्रमुख कारण बच्चों को शिक्षित करने के लिए उनका इस योजना के माध्यम से समाज के गरीब तबके तक पहुंचने और उनको इस स्कीम में शामिल करना था। इसके लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल की बनर्जी सरकार को अपने सर्वोच्च लोक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा फोरम में प्रथम पुरस्कार की ट्रॉफी और प्रमाणपत्र स्वीकार किया। राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त करने के बाद बनर्जी ने कहा,’पश्चिम बंगाल और भारत के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक उपलब्धि और गौरव की बात है।‘ गौरतलब है कि इस योजना की तारीफ 2014 में लंदन के विश्व कन्या सम्मेलन में भी हुई थी।
कन्याश्री प्रकल्प योजना-
इस योजना की शुरुआत सीएम बनर्जी ने 2013 में कन्याश्री प्रकल्प योजना के नाम किया था। जिसका उद्देश्य बालिकाओं की स्थिति में क्रान्तिकारी परिवर्तन लाना था। इस योजना के माध्यम से लगभग 16,000 स्कूलों और संस्थानों को जोड़ा गया। जिसके परिणाम स्वरुप न केवल गरीब तबके में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, बल्कि इस बार माध्यमिक परीक्षा में लड़कियों की संख्या भी बढ़ी है। प्रकल्प योजना अंतर्गत करीब 32 करोड़ रुपए सीधे जरूरतमंदों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। साथ ही इस योजना के तहत कक्षा 8 से 12 के बीच हर छात्रा को हर साल 750 रुपये और 18 साल के होने के उपरांत शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन राशी 25000 रुपए की मदद दी जाती है।