चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जा रहे भारत के करीब 50 तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया है। ये यात्री सिक्किम में नाथूला दर्रा से होते हुए यात्रा करने वाले थे पर अब चीन ने इन्हें इंटरनेशनल बॉर्डर पार करने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। जिसके चलते भारतीय श्रद्धालुओं को अब उत्तराखंड के दुर्गम रास्ते से यात्रा करनी होगी।
हालांकि इस मामलो को लेकर भारत सरकार की ओर से चीन से बात की जा रही है। देश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा है कि “नाथूला के रास्ते तीर्थयात्रियों की आवाजाही में कुछ कठिनाइयां पेश आ रहीं हैं। इस मामले को हमने चीन के साथ उठाया जा रहा है।” आपको बता दें कि माना जा रहा है कि आपसी संबंधों में आई कड़वाहट के चलते चीन ने जानबूझकर यह बाधा खड़ी की है।
करीब एक सप्ताह इंतजार करने के बाद फिलहाल यात्री शेरथांग और गंगटोक वापस आ गए हैं। वहीं सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलांग ने इस मामले को गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सामने उठाने की बात कही है।
सूत्रों की माने तो चीन ने यह कदम लगातार बारिश से हुए भूस्खलन से सड़कों के बह जाने के कारण उठाया है। दरअसल रोके गए तीर्थयात्रियों का कहना है कि ‘चीन ने उन्हें सड़क खराब होने की बात कह कर रोका है और कहा है कि उन्हें मौसम और सड़क की हालत सुधरने पर चीन में प्रवेश की अनुमति दे दी जाएगी।’ गौरतलब है कि नाथूला का रास्ता भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए वर्ष 2015 में खोला गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निजी रुचि के चलते यह रास्ता खोला गया था ताकि इस से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव कम हो और बेहतरी आ सके।