मोदी सरकार के आने के बाद बहुत सी नई योजनाएं बनी है जिसमें देश की शिक्षा व्यवस्था के लिए बनी योजनाएं भी शामिल है। इस बार मोदी सरकार ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) को समाप्त कर उनकी जगह एक हायर एजुकेशन रेग्युलेटर बनाने जा रही है। इस रेग्युलेटर का नाम अभी हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (HEERA) रखा गया है। सूत्रों की मुताबिक, हीरा कानून को तैयार करने के लिए तेजी से काम चल रहा है।
आपको बता दें कि विशेषज्ञ लंबे समय से इस बड़े बदलाव की मांग कर रहे थे। हायर एजुकेशन में कई रेग्युलेटरी अथॉरिटीज की जगह एक रेग्युलेटर लाने का विचार नया नहीं है। यूपीए की पिछली सरकार में यशपाल कमिटी और नेशनल नॉलेज कमिशन के अलावा मौजूदा सरकार की ओर से बनाई गई हरि गौतम कमेटी ने भी इसकी सिफारिश की थी।
इसी वर्ष मार्च में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक मीटिंग में यह फैसला लिया गया। बताया जा रहा है कि UGC और नीति आयोग मिलकर इस नए कानून पर काम कर रही है। सूत्र बताते है कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और उच्च शिक्षा सचिव केके शर्मा के अलावा कई विशेषज्ञों की एक कमिटी भी इस पर काम कर रही है।
दरअसल अधिकारियों की माने तो UGC और AICTE की जगह एक सिंगल रेग्युलेटर बॉडी लाना अब तक का सबसे बड़ा सुधार होगा और इससे अधिकार क्षेत्र से जुड़ी सभी कमियां दूर हो जाएंगी। इसके साथ ही ऐसे रेग्युलेटरी प्रोविजंस भी समाप्त होंगे जिनकी अब जरूरत नहीं है।
अब नए कानून में जरुरत पड़ने पर शख्त कदम उठाने की शक्ति दी जाएगी। इसी के साथ अब हमें शिक्षा व्यवस्था के उस पुराने ढांचे से छुटकरा मिलेगा जिसमें तकनीकी और गैर-तकनीकी शिक्षा को अलग रखने की बात की जाती थी। फिलहाल पुराने कानून रद्द और नए रेग्युलेटर को बनाने में समय लग सकता है तो इसी को देखते हुए सुधार के अस्थायी उपाय के तौर पर मौजूदा नियमों में ही संशोधन करने पर विचार किया गया है।