उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मोहसिन रज़ा ने उत्तर प्रदेश वक्फ़ बोर्ड पर 50 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। फैजाबाद दौरे पर आए रज़ा ने कहा कि हमारे विभाग के पास इस घोटाले के सारे सबूत और प्रमाण उपलब्ध हैं जिसे हमने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को उपलब्ध करा दी है। हमने मुख्यमंत्री से इस बाबत सीबीआई जांच की भी मांग की है।
रज़ा ने कहा कि वक्फ़ बोर्ड का मामला भी शरियत से जुड़ा हुआ है क्योंकि शरियत में मुनाफा हराम है। जबकि यह तो सीधा सीधा एक बड़ा घोटाला है। जो लोग तीन तलाक को शरियत का मसला बताते हुए मुखर हो जाते हैं, वे लोग इस मसले पर चुप क्यों हैं?
उन्होंने बहुसंख्यकों का बचाव करते हुए कहा कि हमेशा बहुसंख्यकों पर अल्पसंख्यकों के शोषण का आरोप लगाया जाता है, जबकि यहाँ तो अल्पसंख्यक ही अल्पसंख्यकों का हक लेने में लगे हुए है।
रज़ा ने इस घोटाले के तार को पिछले सरकारों से जोड़ते हुए बसपा और सपा पर भी निशाना साधा। इससे पहले भी पिछले सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री रहे आज़म खान पर वक्फ़ जमीनों के घोटालों के आरोप लग चुके है।
बताते चले कि वक्फ़ का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज का त्याग करना या उसे स्वयं से अलग कर देना। धार्मिक या पवित्र कार्य के लिए अपनी चल या अचल संपत्ति को दान में देने को वक्फ़ कहा जाता है। इस्लामिक धर्मशास्त्र के अनुसार ऐसी संपत्ति का प्रयोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए होना चाहिए।
मंत्री का नए मदरसों को मान्यता देने से इंकार
मोहसिन रज़ा ने नए मदरसों पर बोलते हुए कहा कि अभी किसी भी नए मदरसे को मान्यता नहीं दी जाएगी, बल्कि जो भी पुराने मदरसे हैं उनका ही आधुनिकीकरण किया जाएगा। उनमें सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी और ‘स्मार्ट एजुकेशन’ की व्यवस्था कर मुस्लिम युवकों को भी डॉक्टर और इंजीनीयर बनने योग्य बनाया जाएगा।