कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय अदालत से बड़ा झटका लगा है। हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी करने के आरोप में पिछले महीने पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक पत्र भी भेजा है। लेकिन सवाल अब ये है कि क्या इस कदम से भारत सरकार कुलभूषण जाधव को भारत लाने के अपने मकसद में सफल हो पायेगी?
बुधवार 10 मई को एपीएन न्यूज के खास कार्यक्रम मुद्दा में दो अहम विषयों पर चर्चा हुई। इसके पहले हिस्से में कुलभूषण जाधव के मसले पर चर्चा हुई। इस अहम विषय पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), सुदेश वर्मा ( राष्ट्रीय प्रवक्ता बीजेपी), ओंकारनाथ सिंह ( नेता कांग्रेस), जे के त्रिपाठी ( पूर्व राजनयिक) व बीडी मिश्रा ( रक्षा विशेषज्ञ) शामिल थे।
जे के त्रिपाठी ने कहा कि ये एक बड़ा कदम है और एक सफलता भी है कि भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में गया है पाक के इस कदम के खिलाफ पाक द्वारा कूलभूषण जाधव को फांसी दिये जाने के खिलाफ। हमें बहुत ही सावधान रहना चाहिए। इस पर हम बहुत जश्न न मनायें।
बीडी मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार जवाब की जरुरत है। जहां पर न्याय का मामला है वहां पर आप जानते हैं। वहां पर दो शख्सियत दो महलों में बैठे हैं। एक में नवाज एक में मुशर्रफ। एक ने कहा कि ये देशद्रोही हैं एक ने कहा कि ये देशद्रोही है। तो जब इतना नाटक वहां पर हो सकता है और वहां की न्याय व्यवस्था इसमें शामिल हो सकती है तो कूलभूषण के लिए जहां पर आर्मी कोर्ट में मुकदमा चला वहां पर कुछ भी हो सकता है।
सुदेश वर्मा ने कहा कि हम पूरे विश्वास से मानते हैं कि कुलभूषण जाधव एजेंट नही थे वो किसी तरह से सरहद पार कर गये थे और उन्हे पकड़ लिया गया। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का ये फैसला बहुत ही राहत देगा। पाकिस्तान को सोचने पर मजबूर करेगा कि आप ऐसा कुछ ना करें कि पाकिस्तान की इतनी बदनामी हो की पाकिस्तान निकल ही ना पाये।
ओंकारनाथ सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का जो फैसला आया है उससे दुनियां की नजरों में पाकिस्तान की स्थिति खराब होगी। पाकिस्तान को अब कुलभूषण जाधव को दुनियां के सामने लाना ही पड़ेगा। ये बहुत ही बड़ा कदम है और इसके हिसाब से भारत को आगे की कार्रवाई सख्ती के साथ करना चाहिए।
कब सुधरेगी यूपी की कानून व्यवस्था
इसके दूसरे हिस्से में यूपी की कानून व्यवस्था पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए भी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू, ओंकार नाथ सिंह, सुदेश वर्मा व अनुराग भदौरिया ( प्रवक्ता सपा) शामिल थे।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पिछले 20 दिनों से हो रहा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मंगलवार को उपद्रवियों ने जिले के चार चौराहों पर जाम लगा दिया और जमकर बवाल काटा। इस दौरान उपद्रवियों ने बीस से अधिक वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर जमकर पत्थरबाजी की। एक पुलिस चौकी में भी आग लगा दी। आलम यह था कि मौके पर पहुंचे सीओ सिटी को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। घटना के बाद दो एडिशनल एसपी का ट्रांसफर किया गया है। इससे पहले भी एसपी सिटी और एसपी ग्रामीण का ट्रांस्फर किया गया था। लेकिन हिंसा पर पूरी तरह से अभी भी काबू नहीं पाया जा सका है। जिसके चलते सहारनपुर योगी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। क्या योगी सरकार द्वारा यूपी की कानून व्यवस्था को सुधारने का हर प्रयास असफल साबित हो रहा है।
सुदेश वर्मा ने कहा कि जो पुराने तत्व हैं वो बर्दाश्त नही कर पा रहे हैं कि कानून व्यवस्था को लागू किया जा रहा है चाहे वो किसी भी समुदाय के हो किसी भी धर्म के हो। हमने कुछ भी गलत नही किया उत्तर प्रदेश में कुछ भी हमारी गलती से हुआ ऐसा नही है। बदलाव हो रहा है और वो इस बदलाव को बर्दाश्त नही कर पा रहे हैं।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि ये बहुत ही गैरजिम्मेदाराना तर्क है और इसको किसी भी तरह से स्वीकार नही किया जा सकता है। सत्ता आपकी है जिम्मेदारी आपकी है अगर राज्य में कहीं भी कोई उपद्रव होता है लोग कानून व्यवस्था को हाथ में लेते हैं तो सीधे-सीधे जिम्मेदारी सत्ताधारी दल की है।
अनुराग भदौरिया ने कहा कि बहुत मजेदार बात है इनके ही कार्यकर्ता और विधायक हैं कोई बाहर के लोग नही हैं बकायदे मीडिया और कैमरें में कैद हैं उन पर एक्शन क्यों नही लिया जाता है। आपकी पार्टी के लोग ही माहौल खराब कर रहे हैं।
ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि क्षत्रिय शिरोमणी जो हैं वो इस प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। क्षत्रियों के ऊपर दलितों को उकसाकर आप बवाल करा रहे हैं। आप पथराव करा रहे हैं ये क्या तरीका है।