चारा घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राजद के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने फैसले में आपराधिक साज़िश का केस चलाने की अनुमति दे दी है। साथ ही उनपर अलग-अलग मामले में अलग-अलग केस चलने की अनुमति भी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि उनपर लगे आरोप अलग हैं इसलिए केस भी अलग ही चलना चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नौ महीने के भीतर ट्रायल पूरा किया जाए।
सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी। जिसमे कोर्ट ने लालू यादव पर साजिश रचने के आरोपों को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने लालू के खिलाफ षड्यंत्र के आरोपों को भी ख़ारिज कर दिया था। हालाँकि कोर्ट ने लालू के खिलाफ धारा 201 और धारा 511 के तहत मामला चलाने की इजाजत दे दी थी।
गौरतलब है कि चारा घोटाला 1996 में लालू यादव के मुख्यमंत्री रहते सामने आया था। यह मामला बिहार पशुपालन विभाग से करोड़ों रुपये के घपले से जुड़़ा है। इसमें कुल 950 करोड़ रुपये के गबन किए जाने का आरोप है। इस मामले में कुल 56 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। लालू यादव पर 6 अलग-अलग मामले चल रहे हैं। एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है। इस घोटाले से जुड़े 7 आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि 2 सरकारी गवाह बन चुके हैं। एक आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया और एक आरोपी को कोर्ट से बरी किया जा चुका है।
सीबीआई अदालत द्वारा मिली सजा को लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। सीबीआई द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 20 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी कोर्ट पहुंचे थे।