उत्तरप्रदेश में राम मंदिर निर्माण की सरगर्मियां एक बार फिर बढती दिख रही हैं। यह तब और ज्यादा नजर में आ जाती हैं जब राम मंदिर पर चर्चा कोई नेता या मुस्लिम समुदाय के लोग करें। राम मंदिर यूँ तो मुद्दा बीजेपी के साथ हिन्दू संगठनों का रहा है लेकिन अब मुस्लिम कारसेवकों ने मन्दिर निर्माण को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की है।
इसी क्रम में अयोध्या एक बार फिर मुस्लिम कारसेवकों के जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी। राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय के कारसेवकों की यह आस्था और जोश देखकर अयोध्या भी अंगड़ाई लेने लगी। उसको भी लगा कि अब शायद अयोध्या के राजा रामचंद्र को छत मिल जाए। हालांकि यह विवाद काफी जटिल और पुराना है लेकिन अक्सर यह मुद्दा चर्चा में बना रहा है।
इससे पहले भी मुस्लिम कारसेवक रामलला के दर्शन की योजना बना निकले थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें इजाज़त नहीं दी थी। राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बार फिर मुस्लिम मंदिर निर्माण मंच के अध्यक्ष राष्ट्रवादी आजम खान के नेतृत्व में अयोध्या पहुंचे । यहाँ उन्होंने रामलला का दर्शन भी किया। मुस्लिम कारसेवकों ने राम मंदिर निर्माण आंदोलन के पुरोधा स्वर्गीय रामचंद्र परमहंस की समाधि पर राम मंदिर निर्माण की शपथ भी ली।
अयोध्या आये कारसेवकों ने कहा कि राम लला हम आएंगे और मंदिर वहीं बनाएंगे। अपनी अयोध्या यात्रा और राम लला के बाबत पूछे जाने पर मुस्लिम मंदिर निर्माण मंच के संयोजक राष्ट्रवादी आजम खान ने कहा कि राम लला काफी वर्षों से टेंट में हैं। हम मुसलमानों से अपील करते हैं कि एक दिन वह भी टेंट में रहकर देखें कि किस तरह से हमारे राम लला तकलीफों से टेंट में दिन गुजार रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं खुद अयोध्या में एक दिन टेंट लगाकर रहूंगा। अगर प्रशासन अनुमति नहीं देगा तो छतरी लगाकर अयोध्या में बैठूंगा।लेकिन हम चाहते हैं और मुस्लिमों से भी अपील करते हैं कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आयें और अपना सहयोग दें।
मुस्लिम कारसेवकों की इस अयोध्या यात्रा के बाद राम मंदिर निर्माण का मुद्दा एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों से आपसी सहमति से फैसला लेने को कहा है। ऐसे में अब देखना है इस मांग का अंजाम क्या होता है।