पासपोर्ट बनवाने के लिए अब हिंदी में भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट के लिए एक प्रावधान जारी किया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा हाल ही में आधिकारिक भाषा पर आधारित संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट में इसकी सिफारिश की गयी थी। इस सिफारिश को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, समिति ने 2011 में सरकार को रिपोर्ट सौंपा था, जिसमें यह सलाह दी गई थी कि सभी पासपोर्ट ऑफिस में द्विभाषी फॉर्म (हिंदी और अंग्रेजी भाषा में) उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हिंदी में भरे फॉर्म भी मंजूर किया जाना चाहिए। समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि पासपोर्ट में सभी एंट्री भी हिंदी में होनी चाहिए।
पासपोर्ट के लिए हिंदी में आवेदन फॉर्म उपलब्ध होगा, जिसे डाउनलोड कर हिंदी में भरकर अपलोड भी किया जा सकेगा। आवेदन फॉर्म का प्रिंटआउट ‘पासपोर्ट सेवा केंद्र’ और रीजनल पासपोर्ट ऑफिस में मंजूर नहीं होगा। पासपोर्ट ऑफिस और दूतावासों में कम्प्यूटर पर हिंदी पर काम करने वाले लोगों के लिए नौकरी दी जाएगी। समिति ने इन जगहों को जल्द भरे जाने के लिए कहा है जिसे मान लिया गया है।
पासपोर्ट बनवाने के नए नियम
- महिलाओं के लिए शादी के बाद पासपोर्ट में अपना नाम बदलवाना जरूरी नहीं है, उनको पासपोर्ट के लिए शादी या तलाक का सर्टिफिकेट देने की भी जरूरत नहीं है, महिलाएं पासपोर्ट के लिए आवेदन में अपने पिता या मां का नाम लिख सकती हैं।
- अलग रह रहे लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए अपने पति या पत्नी का नाम देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए तलाक का सर्टिफिकेट देना भी जरूरी नहीं है।
- शादी के बिना पैदा हुए बच्चों का भी पासपोर्ट बन सकता है। इसके लिए आवेदक को पासपोर्ट आवेदन जमा करते वक्त एनेक्सर सी जमा करना होगा।
- ऐसे अनाथ बच्चे जिनके पास बर्थ सर्टिफिकेट, 10वीं की मार्कशीट या जन्म का दूसरा प्रूफ नहीं है, वे अनाथालय या चाइल्ड केयर होम के अध्यक्ष द्वारा अपनी डेट ऑफ बर्थ कन्फर्म कराने के बाद एप्लिकेशन दे सकते हैं।
- गोद लिए हुए बच्चों के पासपोर्ट बनवाने के लिए अब रजिस्टर्ड एडॉप्शन डीड लगाना मैन्डेटरी नहीं है। पासपोर्ट आवेदक सादे कागज पर ही बच्चे को गोद लेने का घोषणा पत्र दे सकता है।