पनामा पेपर्स लीक मामले में भ्रष्टाचार के आरोपी नवाज शरीफ को फिलहाल प्रधानमंत्री पद से नहीं हटाया जाएगा। पाक मीडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस में आगे और जांच की जरूरत है। पांच जजों की बेंच में से तीन जजों का कहना है कि मामले में आगे जांच हो, जबकि बाकी दो जज नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराने के पक्ष में थे। बता दें कि पीएम शरीफ के खिलाफ यह केस तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान और कुछ दूसरे लोगों द्वारा दायर याचिका पर चल रहा है।
मामले की शुरुआत 3 नवंबर, 2016 को हुई थी और कोर्ट ने 23 फरवरी को प्रोसिजर पूरा करने से पहले 35 सुनवाई की थीं। कोर्ट ने 20 अप्रैल को फैसला देने की बात कही थी। पनामा मामले में शरीफ का नाम सामने आने से उनके विरोधी उन्हें घेर रहे हैं।
विपक्षियों का कहना है कि शरीफ भ्रष्टाचार में शामिल हैं इसलिए उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। शरीफ ने नेशनल असेंबली और कोर्ट में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि उनके बच्चों ने अपनी मेहनत की कमाई से पैसे इकट्ठे किए हैं और इससे ही ब्रिटेन में फ्लैट खरीदा है।
नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने टैक्स हैवन माने जाने वाले ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में चार कंपनियां शुरू की। इन कंपनियों से हुए फायदे से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टी खरीदी है। नवाज शरीफ के परिवार ने इन संपत्तियों को गिरवी रखकर डॉयचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया है।
इसके अलावा, दूसरे अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड से मदद ली। नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अघोषित आय लगाई गई।
नवाज शरीफ की विदेश में इन संपत्तियों की बात उस वक्त सामने आई जब लीक हुए पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका मैनेजमेंट शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं।