बाबरी विध्वंश मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज बीजेपी के कई बड़े नेताओं पर आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोपों में मामले दर्ज करने की इज़ाज़त दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में अपना फैसला देते हुए कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी, मरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार समेत भाजपा और विश्व हिन्दू परिषद के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश (धारा 120 बी)के तहत मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मामले का ट्रायल जल्द पूरा करने के लिए रोजाना सुनवाई हो।
कोर्ट ने नाम लेकर कहा कि आडवाणी और जोशी समेत 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा लखनऊ की अदालत में चलाया जाएगा। हालांकि कोर्ट के फैसले के बावजूद राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह पर यह मुकदमा नहीं चल पाएगा। साथ ही इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक इससे जुड़े जजों का तबादला भी नहीं किया जायेगा। सीबीआई को भी 4 हफ़्तों के भीतर केस रजिस्टर्ड कर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद के विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं पर सुनवाई सीबीआई द्वारा दायर की गई याचिका पर चल रही है सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस पीके घोष व आरएफ नारीमन की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि लखनऊ और रायबरेली में चल रहे ट्रायल को लखनऊ सेशन कोर्ट में चल रहे ट्रायल के साथ ही जोड़ा जाए।
इससे पहले 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में 2010 में अपील की थी। हाईकोर्ट ने इन मामले में नेताओं को साजिश से बरी कर दिया था। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओं पर आपराधिक षड्यंत्र का केस चलने की इज़ाज़त दे दी है। ऐसे में बीजेपी नेताओं सहित अन्य आरोपियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।