पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभालते ही जिन चीजों पर जोर देने की बात कही थी, उनमें से टूरिज्म भी एक था। पीएम मोदी ने देश-विदेश में जाकर भारतीय पर्यटन को काफी बढ़ावा दिया है। उनके द्वारा टूरिज्म को प्राथमिकता देने का असर दिखाई देने लगा है। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की ओर से तैयार की गई टूर एंड ट्रैवल कॉम्पटेटिवनेस इंडेक्स रिपोर्ट की हालिया रैंकिंग में भारत ने 12 अंकों की लंबी छलांग लगाई है। भारतीय टूरिज्म की रैंकिग 52वें पायदान से ऊपर चढ़ते हुए 40वें पायदान पर पहुँच गई है। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि जहां साल 2013 में भारत 65वें नंबर पर था, वहीं साल 2015 में 52वें नंबर पर आया और महज डेढ़ साल के भीतर भारत 12 अंकों की छलांग लगाते हुए 40वें पायदान पर जा पहुंचा है। इतना ही नहीं, 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर मोदी सरकार वेलनेस टूरिज्म पॉलिसी लेकर आएगी। जिसके बाद विदेशी पर्यटकों का भारत की तरफ रूझान बढ़ेगा।
पिछले कुछ सालों में जहां भारत ने अपने पर्यटन क्षेत्र में सुधार किया है तो वहीं दूसरे कुछ देशों के पर्यटन स्तर में गिरावट आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 की रैंकिंग के मुकाबले जहां जापान 5, चीन और हांगकांग 2 पायदान ऊपर आए, वहीं यूएस और सिंगापुर 2-2 अंक, मलयेशिया 1 अंक नीचे आ गया है। यहां तक की विश्व का स्वर्ग माना जाने वाला देश स्विट्जरलैंड की रैंकिग में भी 4 अंक की गिरावट आई है।
आमतौर पर विदेशी पर्यटकों के लिए भारत में सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा होता है, लेकिन हालिया रैंकिंग में हमने इसमें भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 15 अंकों की प्रगति दर्ज की है। केंद्र सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद पर्यटन के क्षेत्र में 6 गुणा आर्थिक कलेक्शन बढ़ा है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक भारत के पर्यटन क्षेत्र का विकास तेजी से होगा और इसकी रैंकिंग और भी बेहतर होगी।