Chhattisgarh Foundation Day 2021: Chhattisgarh के राज्योत्सव के मौके पर रायुपर (Raipur) के साइंस कॉलेज मैदान में सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ी लोक गीतों और लोक नृत्यों को आयोजित किया गया। लोक कलाकारों ने परंपरागत लोक संगीत, गीत और नृत्य से दर्शकों को प्रदेश की विविध संस्कृतियों, त्योहारों, पर्वों और आदिवासी जीवन से परिचय कराया। लोक कलाकार भूपेन्द्र साहू, सुनील तिवारी और कविता वासनिक ने अपने-अपने दल के साथ छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना, जस गीत, गौरी-गौरा गीत, भोजली, करमा, पंथी नृत्य, सुआ नृत्य, फाग गीत, पारंपरिक विवाह गीत, बसदेव गीत, भरथरी (Bharthari) और राउत (Raut) नाचा जैसी अनेक विधाओं पर मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।
पारंपरिक गीतों और नृत्यों ने लोगों को मंत्रमुग्ध किया
कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से मंच पर छत्तीसगढ़ के हरेली त्यौहार से लेकर होली तक के लोक जीवन और लोक संस्कृति को जीवंत किया। अरपा पैरी के धार, पता ले जा रे गाड़ीवाला रे, चौरा म गोंदा मोर रसिया, मोर संग चलव रे, महुवा झरे महुवा झरे, मंगनी म मांगे मया नइ मिलय रे मंगनी म, बखरी के तुमा नार बरोबर, छनन छनन बाजे वो पांव के पैजनियां दाई तोर, जोहर जोहर मोर गौरा गौरी जैसे पारंपरिक गीतों और नृत्यों से लोगों को मंत्रमुग्ध किया गया।
राज्योत्सव के समापन समारोह में Chhattisgarh की Governor अनुसुईया उइके (Anusuiya Uikey) मुख्य आतिथि के रूप में शामिल। कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) भी थे।
छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था। इस साल राज्य का 21वां स्थापना दिवस मनाया गया। हर साल राज्योत्सव का कार्यक्रम पांच दिन तक आयोजित किया जाता है। लेकिन इस साल 2 नवंबर को धनतेरस और 4 नवंबर को दीपावली के त्योहार के चलते इसका आयोजन सिर्फ दो दिन 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को ही किया गया। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते राज्योत्सव का आयोजन रद कर दिया गया था।
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