वस्तु एवं सेवा कर यानी GST जिसे लागू करने के लिए 1 जुलाई का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल इस कानून को लागू करने से पहले सरकार इसे सख्त बनाने में जुटी है। GST लागू हो जाने के बाद 5 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी गैर-जमानती अपराध बन जाएगी और पुलिस आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी। केंद्रीय जीएसटी कानून के मुताबिक यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिनमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपए को पार कर जाती है, तो ये गैर-जमानती अपराध होगा।

जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल के जवाब में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय है।  जीएसटी लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही टैक्स में शामिल हो जाएंगी।  सवाल जवाब के मुताबिक, संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है।  ऐसे मामलों में पुलिस किसी अदालत की अनुमति के साथ या अनुमति के बगैर जांच शुरू कर सकती है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 223 पन्नों में सवालों के जवाब दिए हैं।

जीएसटी के कार्यान्यवयन के बाद भी शिक्षा, हेल्थकेयर और तीथार्टन पर सेवा कर नहीं लगेगा क्योंकि केंद्र सरकार इस नई कर प्रणाली के पहले साल ही किसी तरह का झटका नहीं देना चाहती।  राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि केंद्र ने जीएसटी परिषद की बैठक में उन सेवाओं को नहीं छूने को जोरदार ढंग से रखा है जो फिलहाल कर दायरे में नहीं आती।  परिषद की अगली बैठक 18-19 मई को श्रीनगर में होगी, जिसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के लिए दरों पर फैसला होगा।

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