उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की रफ्तार तेज है। दावा किया जा रहा है कि इस प्रक्रिया से मतदाता सूची को अधिक सटीक और त्रुटिरहित बनाया जाएगा। लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस अभियान को “बड़ा षड्यंत्र” करार देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। अखिलेश का कहना है कि अगर आज मतदाता सूची से नाम हटाने की बातें सामने आ रही हैं, तो भविष्य में यह मामला आरक्षण, जमीन-जायदाद और मध्यम वर्ग के लॉकर तक पहुंच सकता है। उन्होंने लोगों से इस कथित साजिश के खिलाफ एकजुट रहने की अपील भी की। साथ ही, उन्होंने बीजेपी के सहयोगी दलों को सचेत करते हुए कहा कि उन्हें भी सावधान हो जाना चाहिए। नीचे जानिए SIR को लेकर अखिलेश यादव के आरोप क्या हैं।
SIR के खिलाफ अखिलेश यादव ने क्या कहा?
अखिलेश यादव ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा कि यह लोकतंत्र के साथ छल है। उन्होंने दावा किया कि आज मतदाता सूची में कटौती की जा रही है, लेकिन आने वाले समय में यही स्थिति खेत, मकान, जमीन, राशन, जाति और आरक्षण से नाम हटाने तक जा सकती है। अखिलेश ने चेतावनी दी कि आगे चलकर बात बैंक खातों और मध्यम वर्ग के लॉकर तक पहुंच सकती है।
उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को देश के नागरिकों के खिलाफ “बड़ी साजिश” बताया और कहा कि यह स्थिति लोगों को उन हालात में ले जाएगी, जो अंग्रेजी शासन से भी बदतर हो सकती है। उन्होंने विपक्ष के सभी दलों और यहां तक कि एनडीए के सहयोगियों से भी एकजुट होकर इस “महा-षड्यंत्र” का विरोध करने की अपील की। उनका कहना है कि जो पार्टियां आज बीजेपी के साथ खड़ी हैं, आने वाले समय में सबसे पहले वही निशाने पर होंगी।
अखिलेश ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे SIR में हो रही “गड़बड़ियों” को रोकने के लिए आगे आएं, क्योंकि उनके मुताबिक बीजेपी, उसके साथी दल, सरकार और चुनाव आयोग के कुछ भ्रष्ट लोग मिलकर पूरे चुनावी ढांचे पर कब्जा कर रहे हैं।
जनता से अखिलेश की अपील
अपने पोस्ट के अंत में अखिलेश यादव लिखते हैं कि देश को बचाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि लोग एकजुट होकर उन लोगों का विरोध करें जो बीजेपी और उसके सहयोगियों के साथ मिलकर व्यवस्था में “खुली लूट” कर रहे हैं। अखिलेश ने चेतावनी दी कि अगर नागरिक अब भी निष्क्रिय रहे तो वही लोग कल उन्हें अपने ही देश में बाहरी साबित कर देंगे। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वोट केवल अधिकार नहीं, बल्कि पहचान है–और उसे हर हाल में बचाना होगा।









