जोहान्सबर्ग G-20 समिट में पीएम मोदी की दमदार प्रस्तुति, वैश्विक मंच पर उठी ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की आवाज

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जोहान्सबर्ग G-20 समिट में पीएम मोदी की दमदार प्रस्तुति
जोहान्सबर्ग G-20 समिट में पीएम मोदी की दमदार प्रस्तुति

दक्षिण अफ्रीका में पहली बार आयोजित हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन शनिवार को मुख्य केंद्र बना रहा। ‘सॉलिडैरिटी, इक्वालिटी और सस्टेनेबिलिटी’ की थीम पर बोलते हुए उन्होंने विश्व को भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम्’—यानि ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’—का संदेश दिया। उनका भाषण समावेशी विकास, जलवायु न्याय और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्ट दृष्टिकोण के रूप में सामने आया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है।

मोदी ने अपने वक्तव्य की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका की ऐतिहासिक विरासत को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की कर्मभूमि रही यह धरती आज भी विश्व को समानता, शांति और एकता का संदेश देती है। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि अफ्रीका में जी-20 का आयोजन वैश्विक दक्षिण के बढ़ते प्रभाव और विश्व समुदाय में उसकी भूमिका का प्रतीक है। उन्होंने याद दिलाया कि भारत की 2023 की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता दिलाई गई, जो विकासशील देशों की सामूहिक आकांक्षाओं को नई शक्ति देता है।

मोदी के भाषण के तीन मुख्य बिंदु

  1. समावेशी आर्थिक प्रगति
    प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब उसका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने यूपीआई और आयुष्मान भारत जैसे मॉडलों को दुनिया के लिए उदाहरण बताते हुए कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सस्ती फंडिंग और तकनीक की सहज उपलब्धता जरूरी है।
  2. जलवायु न्याय और लचीलापन
    मोदी ने जलवायु परिवर्तन को मानवता की चुनौती बताते हुए कहा कि इस संकट से निपटने के लिए विकसित और विकासशील देशों दोनों की जिम्मेदारी स्पष्ट है। भारत 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लॉस एंड डैमेज फंड को मजबूत करना ग्लोबल साउथ के लिए अनिवार्य है।
  3. एआई और वैश्विक संस्थाओं में सुधार
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक का विकास मानव मूल्यों के अनुरूप होना चाहिए ताकि असमानता बढ़ने के बजाय घटे। साथ ही संयुक्त राष्ट्र व अन्य वैश्विक संस्थाओं में व्यापक सुधार की आवश्यकता बताई, ताकि वैश्विक शासन प्रणाली अधिक प्रतिनिधिक और प्रभावी बन सके।

आतंकवाद और वैश्विक संकटों पर सख्त रुख

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद, महामारी और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण ‘पूर्ण मानवतावाद’ पर आधारित है, जो पूरे विश्व के कल्याण को प्राथमिकता देता है।

लगभग 15 मिनट के भाषण के बाद सोशल मीडिया पर #ModiAtG20 तेजी से ट्रेंड होने लगा। मोदी ने एक्स पर लिखा—“जोहान्सबर्ग से पूरी दुनिया के लिए संदेश: एक परिवार, एक भविष्य।” विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री का यह संबोधन वैश्विक दक्षिण में भारत की नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करता है।

23 नवंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में अंतिम घोषणा-पत्र पर सहमति बनने की प्रक्रिया जारी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनुपस्थिति के बावजूद, मोदी और मेलोनी जैसे नेताओं की मौजूदगी ने मंच पर सकारात्मक चर्चा का माहौल बनाए रखा है।