रॉबर्ट वाड्रा पर ED का शिकंजा, डिफेंस डीलर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर की चार्जशीट

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रॉबर्ट वाड्रा पर ED का शिकंजा
रॉबर्ट वाड्रा पर ED का शिकंजा

रॉबर्ट वाड्रा की परेशानियां एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ब्रिटेन में रहने वाले डिफेंस डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह मामला कथित विदेशी संपत्तियों और वित्तीय लेन-देन से जुड़े पुराने आरोपों से संबंधित है, जिसकी जांच एक बार फिर तेज हो गई है। चार्जशीट दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, पीएमएलए के तहत वाड्रा का बयान जुलाई 2025 में दर्ज किया गया था। ED का आरोप है कि वाड्रा का भंडारी से जुड़े विदेशी सौदों और संपत्तियों से संबंध है, जबकि भंडारी पहले से ही विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने के मामले में जांच का सामना कर रहा है।

लंदन स्थित प्रॉपर्टी को लेकर जांच

यह पूरा मामला 2016 में संजय भंडारी के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद सामने आया था। उस कार्रवाई में मिले दस्तावेजों और ईमेल्स में वाड्रा एवं उनके सहयोगियों से जुड़े कथित संकेत मिले थे। इन फाइलों में लंदन की एक संपत्ति के नवीनीकरण का जिक्र था, जिसे भंडारी की मानी जाती है। जांच एजेंसियों का दावा है कि इस संपत्ति में हुए रिनोवेशन का काम वाड्रा के निर्देश पर उनके करीबी लोगों के जरिए करवाया गया था।

भंडारी पहले ही घोषित हो चुका है भगोड़ा

पिछले कुछ वर्षों में ED ने हरियाणा में वाड्रा, भंडारी और उनसे जुड़े अन्य लोगों के बीच हुए जमीन सौदों की भी जांच की है। आरोप है कि इन लेन-देन के जरिए धन को इधर-उधर किया गया और संपत्तियां खरीदी गईं। 2016 में भारत छोड़ने के बाद संजय भंडारी को अदालत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर चुकी है। साथ ही, ED भारत में कई ऐसी संपत्तियों को भी अटैच कर चुकी है जिन्हें एजेंसी अवैध कमाई से खरीदा गया बताती है।

वाड्रा ने लगाए गए आरोपों का खंडन किया

रॉबर्ट वाड्रा ने इन आरोपों को पहले भी राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि उनके पास लंदन में कोई संपत्ति नहीं है और एजेंसी जिन दस्तावेजों को आधार बना रही है, उनकी व्याख्या गलत की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने आने पर उनकी बेगुनाही साबित होगी।