सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: “3 नवंबर को कोर्ट में पेश हों, वरना ऑडिटोरियम में लगेगी अदालत” — आवारा कुत्तों के मुद्दे पर राज्यों को फटकार

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“3 नवंबर को कोर्ट में पेश हों, वरना ऑडिटोरियम में लगेगी अदालत” — आवारा कुत्तों के मुद्दे पर राज्यों को फटकार
“3 नवंबर को कोर्ट में पेश हों, वरना ऑडिटोरियम में लगेगी अदालत” — आवारा कुत्तों के मुद्दे पर राज्यों को फटकार

देशभर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों पर लापरवाही को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि इतने गंभीर मामले में भी अधिकांश राज्यों ने अब तक अनुपालन हलफनामा दाखिल नहीं किया, जबकि आदेश को तीन महीने बीत चुके हैं। इस रवैये पर कड़ा रुख अपनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है।

दरअसल यह मामला शुरुआत में दिल्ली-एनसीआर से जुड़ा था, लेकिन 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरे देश पर लागू किया और सभी राज्यों व यूटी को आदेश के अनुपालन का हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए थे। जब सोमवार को सुनवाई हुई, तब कोर्ट को बताया गया कि अब तक केवल तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और एमसीडी ने ही हलफनामा दाखिल किया है। बाकी राज्यों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि इससे विदेशों में भी भारत की छवि प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि दो महीने की निर्धारित समय-सीमा दिए जाने के बावजूद तीन महीने बाद भी अनुपालन रिपोर्ट दायर न करना अस्वीकार्य है।

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर मुख्य सचिव 3 नवंबर को पेश नहीं हुए तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर अदालत ऑडिटोरियम में लगानी पड़ेगी, ताकि हर राज्य जिम्मेदारी समझ सके।

न्यायालय ने साफ कहा कि “यदि नोटिस नहीं भी मिला हो, तब भी यह राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा है—अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए था।” अब कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि 3 नवंबर की सुनवाई में अनुपस्थिति को गंभीर अवमानना के रूप में देखा जाएगा।