By: सर्वजीत सोनी | Edited By: उमेश चंद्र
मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय के अंतर्गत क्राइम ब्रांच यूनिट-1 ने काशीमीरा इलाके में एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गुलामी (Cyber Slavery) गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह भारतीय युवाओं को नौकरी का झांसा देकर थाईलैंड और म्यांमार भेजता था, जहाँ उनसे जबरन साइबर ठगी करवाई जाती थी।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को आकर्षक वेतन और विदेशी नौकरी के नाम पर फंसाता था। म्यांमार पहुंचने के बाद युवाओं को UU8 नामक साइबर फ्रॉड कंपनी में रखा जाता था, जहाँ उनसे फर्जी फेसबुक अकाउंट बनवाकर विदेशी भारतीयों को क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन में निवेश के लिए बहकाया जाता था।
काम से इनकार करने पर युवाओं को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी। इतना ही नहीं, भारत में उनके परिवारों से रिहाई के लिए 6-6 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी जाती थी।
अपराध शाखा ने गिरोह से जुड़े दो आरोपियों — आरिफ खान उर्फ नेपाली और रोहित कुमार मरडाना — को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक दोनों से पूछताछ जारी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर सक्रिय है और बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाता है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि विदेश में नौकरी के किसी भी ऑफर को स्वीकार करने से पहले एजेंसी और कंपनी की पूरी जांच अवश्य करें, ताकि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय साइबर जाल में फँसने से बचा जा सके।