‘अलौकिक मुंबई के 75 वास्तु वैभव’ कॉफी टेबल पुस्तक का लोकार्पण, सांस्कृतिक धरोहरों का जीवंत दस्तावेज

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By: सर्वजीत सोनी | Edited By: उमेश चंद्र

Mumbai: आज महाराष्ट्र शासन के सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में ‘सेवा पखवाड़ा 2025’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना ‘विकास भी, विरासत भी’ के अंतर्गत तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘अलौकिक मुंबई के 75 वास्तु वैभव’ का लोकार्पण किया गया।

इस पुस्तक का लोकार्पण राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री तथा मुंबई उपनगर के पालक मंत्री, अधिवक्ता आशीष शेलार के द्वारा भायखला स्थित डॉ. भाऊ दाजी लाड संग्रहालय में किया गया।

इस अवसर पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगराणी, अतिरिक्त आयुक्त (पूर्व उपनगर) डॉ. अमित सैनी, पुरातत्त्व एवं वस्तु संग्रहालय संचालनालय के संचालक तेजस गर्गे, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षक अभिजीत आंबेकर, उप आयुक्त (परिमंडल-1) चंदा जाधव, उप आयुक्त (उद्यान) अजितकुमार आंबी, प्राणिसंग्रहालय के संचालक डॉ. संजय त्रिपाठी, तथा डॉ. भाऊ दाजी लाड संग्रहालय की मानद संचालिका एवं न्यास की विश्वस्त तस्नीम मेहता सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे।

मुंबई की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिबिंब

इस कॉफी टेबल पुस्तक में मुंबई की वास्तुकला तथा सांस्कृतिक विरासत का समग्र परिचय प्रस्तुत किया गया है। इसमें शहर के विश्व धरोहर स्थल, औपनिवेशिक तथा शासकीय भवन, चिकित्सकीय एवं शैक्षणिक धरोहर केंद्र, सांस्कृतिक स्थल, किले एवं दुर्ग, हरित धरोहर स्थल, स्मारक, कारंजे एवं चौक तथा धार्मिक धरोहर स्थल के विषय में विस्तृत जानकारी और आकर्षक छायाचित्र प्रकाशित किए गए हैं।

यह पुस्तक न केवल मुंबई की ऐतिहासिक पहचान और स्थापत्य वैभव को उजागर करती है, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए एक अमूल्य संदर्भग्रंथ भी सिद्ध होगी।

जनसंपर्क विभाग का संपादन

इस पुस्तक का संपादन बृहन्मुंबई महानगरपालिका के जनसंपर्क विभाग द्वारा किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि यह ग्रंथ शोधार्थियों, पर्यटकों तथा विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा और मुंबई की गौरवशाली धरोहर को जनमानस के समक्ष लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मंत्री आशीष शेलार का उद्गार

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मंत्री आशीष शेलार ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकास भी, विरासत भी’ संकल्पना के अनुरूप मुंबई जैसे महानगर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। ‘अलौकिक मुंबई के 75 वास्तु वैभव’ इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। मुंबई केवल भारत की आर्थिक राजधानी ही नहीं, अपितु यह शहर सांस्कृतिक और स्थापत्य धरोहर का जीवंत प्रतीक भी है।”