पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां को लेकर बनाए गए एआई (AI) वीडियो पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने आदेश दिया है कि इस विवादित वीडियो को सोशल मीडिया से तुरंत हटाया जाए। आदेश जारी होने के बाद संबंधित पोस्ट को एक्स (पूर्व में ट्विटर) से डिलीट कर दिया गया।
इस मामले पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा वीडियो बनाना न सिर्फ सामाजिक और नैतिक रूप से गलत है, बल्कि अदालत ने इसे कानूनी अपराध भी करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस राजनीतिक ईर्ष्या में संविधान और कानून की मर्यादा को तोड़ने की आदत डाल चुकी है और प्रधानमंत्री की दिवंगत मां का अपमान करना इसी मानसिकता को दर्शाता है।
एआई वीडियो की असलियत
यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब 10 सितंबर, 2025 को बिहार कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक एआई वीडियो शेयर किया गया। इसमें दिखाया गया था कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी मां से बातचीत कर रहे हैं और मां उन्हें बिहार के मुद्दों पर टोक रही हैं। पोस्ट में लिखा गया था— “साहब के सपनों में आईं मां, देखिए रोचक संवाद।” यह वीडियो वायरल होते ही सियासी गलियारों में भारी हलचल मच गई।
दिल्ली में दर्ज हुई थी एफआईआर
विवाद बढ़ने पर दिल्ली पुलिस ने भी इस मामले में कार्रवाई की। 13 सितंबर, 2025 को बिहार कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से इस एआई/डीपफेक वीडियो को शेयर करने पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 की कई धाराओं—18(2), 336(3), 336(4), 340(2), 352, 356(2) और 61(2)—के तहत मामला दर्ज किया।









