उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ जारी सख्त रुख को बरकरार रखते हुए एक और बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आगरा पुलिस ने देश के छह अलग-अलग राज्यों से दस आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो युवतियों को बहलाकर, कट्टरपंथी सोच और प्रलोभन के जरिए अवैध रूप से धर्मांतरण कराने के आरोप में शामिल थ
यह खुलासा उस वक्त हुआ जब आगरा से लापता दो सगी बहनों के मामले की जांच शुरू की गई। जांच के दौरान पुलिस को यह पता चला कि दोनों बहनों का ब्रेनवॉश कर उनका धर्मांतरण कराया गया था। बाद में पुलिस टीम ने छापेमारी करते हुए दोनों को कोलकाता से बरामद कर लिया।
अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से चल रहा था धर्मांतरण रैकेट
डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेशभर में ‘मिशन अस्मिता’ अभियान चलाया जा रहा है। इसी दौरान अवैध धर्मांतरण से जुड़ा यह बड़ा नेटवर्क सामने आया। जांच में सामने आया है कि इस गिरोह को कनाडा, अमेरिका और दुबई से करोड़ों रुपये की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग मिल रही थी। यह पैसा भारत में धार्मिक कट्टरता फैलाने, युवतियों को फंसाने और उनका धर्म परिवर्तन कराने जैसे कार्यों में खर्च किया जा रहा था।
पुलिस ने यह भी बताया कि यह गिरोह ISIS के कट्टरपंथी मॉड्यूल की तर्ज पर ही काम कर रहा था। उनके तौर-तरीके, फंडिंग चैनल और नेटवर्किंग उसी शैली में संचालित हो रही थी। गिरफ्तार किए गए 10 आरोपियों में एक युवती भी शामिल है, जो अन्य लड़कियों को फुसलाने में सक्रिय भूमिका निभा रही थी।
अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई
इस गिरोह की गिरफ्तारी को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। पुलिस ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित 6 राज्यों में छापेमारी कर इस गिरोह के सदस्यों को पकड़ा है। पुलिस के मुताबिक, इस पूरे नेटवर्क को बेहद सुनियोजित ढंग से देशभर में सक्रिय किया गया था, जिसका मकसद धार्मिक अस्थिरता फैलाना था।