Air India Plane Crash: तकनीकी खराबी या दोनों इंजनों का फेलियर? हादसे की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच!

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Air India Plane Crash
Air India Plane Crash

एयर इंडिया के विमान दुर्घटना को बीते अब दो हफ्तों से अधिक हो चुका है, लेकिन इसकी असली वजह अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाई थी। हादसे में सवार 242 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति की जान बच पाई, जबकि बाकी सभी की दर्दनाक मौत हो गई। अब जांच से जुड़ी रिपोर्ट्स इस ओर इशारा कर रही हैं कि हादसे के पीछे दोनों इंजनों के फेल हो जाने की बड़ी भूमिका हो सकती है।

जांच में क्या सामने आया?

हादसे की परिस्थितियों को समझने के लिए जांचकर्ताओं और अनुभवी पायलटों की टीम ने विमान जैसी स्थिति को सिम्युलेटर में दोहराया। वे यह जानना चाहते थे कि क्या सिर्फ लैंडिंग गियर खुले होने और विंग फ्लैप्स बंद रहने से कोई विमान हादसे का शिकार हो सकता है। लेकिन परीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि ये कारण अकेले विमान को गिराने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

क्या संकेत दे रहा था इमरजेंसी पावर सिस्टम?

दुर्घटना से ठीक पहले विमान में इमरजेंसी पावर टरबाइन यानी RAT (Ram Air Turbine) अपने आप चालू हो गया था। यह सिस्टम तभी सक्रिय होता है जब दोनों इंजन काम करना बंद कर दें और विमान को बिजली की आपूर्ति रुक जाए। इससे यह संकेत और मजबूत हुआ कि विमान में पूरी तरह से पावर फेलियर हुआ था।

सिम्युलेटर टेस्ट ने क्या बताया?

जांच के दौरान पायलटों ने सटीक हादसे जैसी स्थिति को सिम्युलेटर में रिक्रिएट किया। निष्कर्ष ये निकला कि केवल लैंडिंग गियर खुले होने और फ्लैप्स बंद रहने से प्लेन क्रैश नहीं हो सकता। इससे यह साफ हुआ कि कहीं न कहीं तकनीकी या इलेक्ट्रिकल सिस्टम में गंभीर गड़बड़ी रही होगी।

विंग फ्लैप और गियर पर गहराया संदेह

घटना के दौरान का एक वीडियो सामने आया जिसमें देखा गया कि टेक-ऑफ के कुछ ही पलों बाद विमान ऊंचाई नहीं ले सका और नीचे गिर गया। सिम्युलेटर परीक्षण से यह भी स्पष्ट हुआ कि लैंडिंग गियर आधा खुला था लेकिन उसके दरवाजे बंद थे, जो हाइड्रोलिक सिस्टम की असफलता या बिजली सप्लाई में रुकावट की ओर इशारा करता है।

जांचकर्ताओं की प्रारंभिक राय क्या कहती है?

हालांकि अब तक AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) और एयर इंडिया की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, हादसे की मुख्य वजह अब तकनीकी खराबी के पहलू पर केंद्रित होती जा रही है। इस बीच ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट रिकॉर्डर के डेटा की जांच भी पूरी गंभीरता से जारी है, जो अंतिम निष्कर्षों के लिए बेहद अहम साबित होगी।