भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उस पर राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बयानबाज़ी करने का आरोप लगाया है। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए अपने एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस मोदी सरकार के विरोध में इतनी आगे निकल गई है कि अब वह देश की सुरक्षा और एकता जैसे अहम मुद्दों पर भी राजनीति करने लगी है।
1965 की जंग का हवाला देते हुए कांग्रेस पर पलटवार
निशिकांत दुबे ने लिखा कि कांग्रेस का यह दावा सरासर भ्रामक है कि भारत ने 1965 और 1971 की लड़ाइयों के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मिलने वाले वित्तीय सहयोग का विरोध नहीं किया था। उन्होंने कहा कि भारत ने IMF, वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी संस्थाओं में पाकिस्तान को कर्ज दिए जाने पर वॉकआउट किया था, लेकिन मतदान प्रणाली की सीमाओं के कारण विरोध के साधन सीमित थे। हाल ही में ADB द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 800 मिलियन डॉलर के लोन पर भी भारत ने आपत्ति दर्ज कराई थी, क्योंकि इस रकम के सैन्य उद्देश्यों में इस्तेमाल की आशंका जताई गई थी।
अंतरराष्ट्रीय सहायता पर उठाए सवाल
दुबे ने यह भी बताया कि 1965 के बाद से अब तक पाकिस्तान को अमेरिका, चीन और सऊदी अरब से लगभग 100 अरब डॉलर की सहायता मिल चुकी है। इसके अलावा, IMF, वर्ल्ड बैंक और ADB जैसे संस्थानों से उसे करीब 150 अरब डॉलर का फंड दिया गया है।
‘कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए वह किसके साथ है’
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस से सीधे सवाल पूछा कि क्या वह मोदी सरकार का विरोध करते-करते इस हद तक पहुंच चुकी है कि अब वह देश के हितों के विरुद्ध खड़ी हो रही है? उन्होंने दो टूक कहा कि यह समय दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए एकजुट होने का है। उन्होंने यह भी दोहराया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) भारत का हिस्सा है और देश उसे हर हाल में वापस हासिल करेगा। सांसद ने विपक्षी दलों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना का मनोबल बढ़ाएं और देशहित को सर्वोपरि रखें।