
कोरोना वायरस ने एक बार फिर देशवासियों को सावधान कर दिया है। सिंगापुर और हांगकांग से शुरू हुआ संक्रमण अब तेजी से भारत में भी फैल रहा है। मई महीने की शुरुआत से ही देश के चार राज्यों में कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखी गई, जो अब पूरे भारत में फैल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 1 जून 2025 तक देश में कोविड के सक्रिय मामले 3758 तक पहुंच चुके हैं। केरल में सबसे अधिक संक्रमित पाए गए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली में भी मामलों की संख्या बढ़ी है। पिछले दो साल में यह पहली बार है जब कोविड के सक्रिय मामले 3500 से ऊपर गए हैं। आइए जानते हैं कि पहली और दूसरी लहर में यह आंकड़ा कितने दिनों में पार हुआ था।
पहली लहर कब आई और कितने दिन में 3500 केस पार हुए
भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को केरल से दर्ज हुआ था। शुरूआत में 100 केस आने में करीब 46 दिन लगे थे। इसके बाद 1000 केस तक पहुंचने में लगभग 15 दिन और बीते। महामारी के शुरुआती दौर में वायरस विदेश से आने वाले यात्रियों और उनके संपर्कों तक सीमित था इसलिए संक्रमण धीरे-धीरे फैल रहा था। 24 मार्च 2020 को देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था जिससे संक्रमण की रफ्तार धीमी हो गई। लगभग एक महीने के भीतर केस संख्या 3000 के पार पहुंच गई थी। सितंबर 2020 में पहली लहर अपने चरम पर थी जब रोजाना लगभग 93,000 नए मामले दर्ज हो रहे थे।
दूसरी लहर में संक्रमण की गति और संख्या
दूसरी लहर कहीं ज्यादा भयावह साबित हुई। मार्च 2021 तक केस तेजी से बढ़ने लगे थे। डेल्टा वेरिएंट संक्रमण की रफ्तार को कई गुना बढ़ा दिया था। इस दौरान 100 से 1000 दैनिक नए मामले पहुंचने में केवल 10-12 दिन लगे। अप्रैल और मई 2021 के बीच रोजाना करीब 4 लाख नए मामले दर्ज हुए थे। स्वास्थ्य व्यवस्था पर जबरदस्त दबाव पड़ा था और मृत्युदर भी बहुत बढ़ गई थी।
तीसरी लहर और वर्तमान स्थिति
तीसरी लहर की शुरुआत ओमिक्रोन वेरिएंट के कारण हुई थी। यह वेरिएंट तेजी से फैला लेकिन इसके लक्षण हल्के थे जिससे मौतों की संख्या कम रही। इस दौरान 10,000 से लगभग 1 लाख मामले केवल 8 दिनों में पहुंच गए थे। अधिकांश मरीज होम क्वारंटीन में ठीक हो रहे थे। अब 2025 में कोविड के JN.1 वेरिएंट का खतरा सामने आया है जो तेजी से फैल रहा है। इस स्थिति में सतर्कता और सुरक्षा के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।