वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं? क्या फिर भी डाल पाएंगे वोट? जानिए सच

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वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं?
वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं?

भारत में नागरिकों के पास विभिन्न सरकारी दस्तावेज होने आवश्यक हैं, जो अलग-अलग कार्यों के लिए जरूरी होते हैं। उदाहरण के तौर पर, विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होता है, जबकि बैंकिंग और इनकम टैक्स से जुड़े कार्यों के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ती है। इसी तरह, मतदान करने के लिए वोटर आईडी एक अनिवार्य दस्तावेज है। हाल ही में चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना की घोषणा की है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिनका वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं है, क्या वे मतदान नहीं कर पाएंगे? आइए जानते हैं इसका जवाब।

अगर वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं तो क्या होगा?

चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई योजना के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का वोटर आईडी आधार से लिंक नहीं होता है, तो उसका वोटर आईडी रद्द किया जा सकता है। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे मतदान करने के अधिकार से वंचित हो जाएंगे।

ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि किसी व्यक्ति का वोटर आईडी निष्क्रिय हो जाता है और उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है, तो वह मतदान नहीं कर सकेगा। हालांकि, अगर किसी व्यक्ति के पास वोटर आईडी नहीं है, लेकिन उसका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो वह आधार कार्ड या किसी अन्य मान्य पहचान पत्र के जरिए मतदान केंद्र पर जाकर अपना वोट डाल सकता है।

वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की जरूरत क्यों?

भारत में अभी भी कई नागरिकों के पास एक से अधिक वोटर आईडी मौजूद हैं, जिससे फर्जी मतदान की समस्या बढ़ जाती है। वोटर आईडी को आधार से लिंक करने के पीछे मुख्य उद्देश्य फर्जी मतदाता पहचान पत्र को समाप्त करना है, ताकि प्रत्येक व्यक्ति के पास केवल एक ही वोटर आईडी रहे। इससे चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जा सकेगा।